
बेजुबानों का इलाज़ करा लोंगों ने पेश की मानवता की मिसाल
घायल गौवंश और बंदर का ग्रामीणों की मदद से हुआ इलाज़
जयसिंहपुर सुलतानपुर।(दुर्गा प्रसाद,संवाददाता) तहसील क्षेत्र के दो अलग स्थानों पर लोंगों ने एक घायल गौवंश और एक घायल बंदर का चिकित्सक बुलाकर इलाज़ करवाया। लोगों ने बेजुबानों का इलाज़ करवा मानवता की एक मिशाल पेश की है जिसकी क्षेत्र के लोंगों द्वारा मुक्तकंठों से प्रशंसा की जा रही है।
जयसिंहपुर तहसील क्षेत्र में जहाँ कुछ लोंगों का पशुओं के प्रति मोह भंग हो रहा है और लोग उन्हें अनावश्यक पशु समझ कर छुट्टा छोड़कर अपनी जिम्मेदारियों और मानवता से मुँह मोड़ ले रहे है वही क्षेत्र में ऐसे भी लोग है जिनमे अब भी पशुओं के प्रति प्रेम कूट कूटकर भरा हुआ है।वह जब भी किसी पशु को घायल और तड़पते देखते हैं तो यह भी तड़प उठते हैं। ऐसा ही दो मामला सोमवार को देखने को मिला जहां लोंगों ने एक घायल गोवंश और एक घायल बंदर को पकड़कर चिकित्सक बुलाकर उनका इलाज़ करवाते हुए बेजुबानों के प्रति मानवता की मिशाल पेश की है।
पहला मामला तहसील क्षेत्र के सेमरी बाजार में करीब एक हफ्ते से एक गोवंश घायल अवस्था मे लोंगों को दिखाई दिया । उसके सिर में काफी घाव था जिसमे कीड़े पड़ गए थे जिससे वह तड़प रहा था । स्थानीय कस्बे के लोग दीपक यादव,मिंटू यादव,उमेश सोनी, अहमद,सूरज यादव और सिकन्दर ने दर्द से तड़प रहे गोवंश को लोंगों की मदद से पकड़वाया और सेमरी में नियुक्त पशु प्रसार अधिकारी राजेश कुमार वर्मा को बुलाकर उसका घाव साफ कर मरहम पट्टी करवाई था उसे जरूरी इंजेक्शन भी लगवाए। इलाज़ के बाद गोवंश को एक व्यक्ति की देख रेख में किया गया जिससे उसका फिर से मरहम पट्टी करवाया जा सके और पूर्ण रूप से ठीक हो जाय।

वही दूसरा मामला तहसील क्षेत्र के पुरुषोत्तम पुर गांव का है जहां पर ग्रामीणों को जंगली जानवर या कुत्तों के हमले से घायल एक बंदर को घूमते देखा जो पुराने जख्म से पीड़ित और परेशान दिख रहा था। बंदर को इस दशा में देख स्थानीय लोंगों के अंदर करुणा जाग उठी और उन्होंने इंसानियत का परिचय देते हुए इसकी सूचना पशु धन प्रसार अधिकारी राजेश कुमार वर्मा को दी। सूचना पर पहुंचे पशु धन प्रसार अधिकारी ने ग्रामीणों की मदद से बड़ी मशक्कत के बाद बंदर को पकड़कर उसका इलाज़ कर उसे छोड़ दिया।
बेजुबानों को पीड़ित और घायल अवस्था मे देख लोंगों के अंदर जागी करुणा और मानवता की क्षेत्रीय लोंगों द्वारा मुक्तकंठों से खूब प्रशंसा की जा रही है।