Report:- Durga Prasad Sultanpur

- खंडहर में तब्दील पशु सेवा केंद्र बिरसिंहपुर,डेढ़ दशक से पुनरुद्धार की जोह रहा बाट।
- किराए के कमरे से चल रहा पशुओं का इलाज
जयसिंहपुर,सुलतानपुर। विकासखंड के अंतर्गत पशुओं को स्वास्थ्य लाभ देने व कृत्रिम गर्भाधान के लिए बिरसिंहपुर बाजार में दशकों पूर्व बना पशु सेवा केंद्र देखरेख के अभाव में खंडहर में तब्दील हो चुका है। कभी यह भवन पशुओं को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए पूरे इलाके का एक महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था, लेकिन जिम्मेदारों कीउदासीनता के चलते अब यह अपनी पहचान खोता जा रहा है। यहां की दीवारें टूट चुकी है और इलाज की व्यवस्था बंद पड़ी है। केंद्र पर तैनात कर्मी जर्जर भवन के चलते किराए का कमरा लेकर काम चला रहे है।
क्षेत्र के बिरसिंहपुर बाजार में दशकों पहले राजकीय पशु सेवा केंद्र व कृत्रिम गर्भाधान केंद्र का निर्माण हुआ था। यहां पशु सेवा केंद्र के निर्माण से बिरसिंहपुर, निदूरा, चौरे, विभारपुर, पेमापुर, भभोट, परसौहा समेत कई अन्य गांवों के पशुपालकों को इसकी सेवाओं का फायदा मिलता था। पशुओं के किसी भी बीमारी से ग्रसित होने पर यहां आसानी से इलाज संभव हो जाता था। लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते यह पशु सेवा केंद्र खंडहर के तब्दील हो चुका है। केंद्र के पीछे का हिस्सा पूरी तरह टूटकर गिर चुका है। भवन की खिड़कियां और दरवाज़े जर्जर होकर गिर रहे है। मौजूदा समय में यह जंगली झाड़ियों से घिरा यह पशु सेवा केंद्र पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है।

- किराए के कमरे से चल रहा पशुओं का इलाज
स्थानीय पशुपालक हीरालाल यादव, सत्य नारायण यादव, बृजलाल निषाद, रूद्रसेन सिंह, रमेश निषाद प्यारेलाल आदि का कहा कहना है कि करीब डेढ़ दशक से भवन की यह दुर्दशा है। अब बीमार पशुओं के इलाज के लिए निजी चिकित्सकों को बुलाना पड़ता है। चिकित्सकों की कमी के चलते परेशानी कई गुना बढ़ गई है। ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से जर्जर भवन का जीर्णोद्घार कराने के साथ यहां इलाज व्यवस्था फिर से शुरू कराए जाने की मांग की है।वही राजकीय पशु सेवा केंद्र व कृत्रिम गर्भाधान केंद्र बिरसिंहपुर पर तैनात पशुधन प्रसार अधिकारी सूर्य प्रकाश सिंह से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया की भवन पूरी तरीके से खंडहर में तब्दील है। उसकी दीवार टूटकर गिर चुकी है। यहां नियक्त हुए छह साल से अधिक हो चुके है। तब से लेकर अब तक किराए का कमरा लेकर पशुओं का इलाज व कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा प्रधान कर रहे है। उच्चाधिकारियों को इसके बारे में अवगत भी कराया गया है।