
- आधुनिक समाज मे चल रही व्यर्थ की बातों पर न ध्यान देकर,सनातन धर्म मे रखें आस्था-डॉ प्रभाकर जी महाराज
- अमेठी जिले के रानीगंज स्थित पूरब गांव मिश्रन के पुरवा में चल रही श्रीमद भागवत कथा
सुल्तानपुर/अमेठी। जिले के रानीगंज स्थित पूरब गांव मिश्रन के पुरवा में कथा यजमान ए एच इंटर कॉलेज के प्रवक्ता राजेश कुमार मिश्रा के यहां चल रही संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा अमृत वर्षा के पांचवे दिन काशी से पधारे कथा व्यास डॉ प्रभाकर जी महाराज (Dr Prabhakar Pandey ji Maharaj) ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा में एक श्लोक में राम कथा वर्णन है।
कथा के प्रसंग को आगे बढ़ाते कथा व्यास डॉ प्रभाकर जी महाराज ने कहा कि जो अपने पूज्य गुरु जी के कहने मात्र पर राज महल का सुख छोड़ दिया,अपने माँ का आँचल छोड़ दिया उसे ही भगवान राम कहते है।भगवान राम वह है जिन्होंने भारत मे विदेशी संस्कृति को आने नही दिया उन्होंने सूर्पनखा की नाक कटवा दिया लेकिन उन्हें अपनाया नही।अर्थात दुष्टो व राक्षसो के लिए राम जी जंगल मे अग्नि के समान रहे।जब तक वह जगंल में वनवास के दिन व्यतीत किए तब तक दुष्टों का संहार किया।उन्होंने ने कहा कि सीता जी का हरण नही हुआ बल्कि मिथिला में वशु से यानी चन्द्रमा से अवतार लिए सीता जी ने राम भगवान जैसे सूर्यवंशी व प्रतापी राजा के साथ अग्नि रूपी परिवार में संघर्ष मय जीवन व्यतीत किया।
उन्होंने ने कहा कि अगर आप भगवान को ह्रदय में रखते है तो उनके पूजन अर्चन के लिए स्वयं ही पुष्प व तुलसी दल तोड़कर भगवान को अर्पित करे।जीवन मे कभी चोरी नही करनी चाहिए वह भी भगवान के विषय मे तो कदापि नही करना चाहिए। उन्होंने ने आज के आधुनिक समाज की ओर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि समाज मे फैले जातीय ध्रुवीकरण के चक्कर मे हम सभी को न फसकर अपने प्राचीन ग्रन्थों में वर्णित बातों को ध्यान में रखते हुए अपने धर्म मे आस्था रखना चाहिए।इस मौके पर पूर्व मंत्री ओम प्रकाश त्रिपाठी के साथ सैकड़ो भक्त कथा का श्रवण के लिए मौजूद रहे।