Sunday, April 20, 2025
Light
Dark

सुल्तानपुर में कुछ माह पूर्व 02 कैदियों की हुई थी हत्या,आत्म हत्या कहने वाले जेलर उमेश की भूमिका संदिग्ध…

सुल्तानपुर में दो कैदियों की मौत आत्म हत्या नही बल्कि की गई हत्या,हड़कंप

सीजेएम की जांच में समूचे जेल प्रशासन पर हत्या का मामला साबित,राष्ट्रीय अध्यक्ष ने की मुकदमा दर्ज करने की मांग।

तत्कालीन जेल अधीक्षक उमेश प्रताप समेत जेल प्रशासन की है भूमिका संदिग्ध,सीसीटीवी की फुटेज खोल सकता था राज।

सुल्तानपुर।जिला कारागार में निरुद्ध दो कैदियों की मौत हो गई थी।जिसमे समूचा जेल प्रशासन लीपापोती कर आत्म हत्या साबित करने में जुटा रहा।फिलहाल सीजेएम की जांच में दोनो कैदियों की मौत आत्म हत्या से नही बल्कि हत्या की बात कही है।ऐसे में सप्ताह भर बाद भी जेल प्रशासन के किसी अफसर व कर्मी के खिलाफ अभी तक न तो रिपोर्ट दर्ज की जा सकी है न ही कोई निलंबन,तबादला जैसी कोई कार्यवाही हुई है।जेल प्रशासन ने तो सच्चाई न पता चले सीसीटीवी को खराब बता दिया।फुटेज नही दिए।फिलहाल यह जांच आख्या डीएम एसपी के संज्ञान में है कब तक रिपोर्ट दर्ज होगा यह पता नही है।

IPS अमिताभ ठाकुर ने खोला मौत का राज

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने 22 जून 2023 को जिला जेल सुल्तानपुर में विचाराधीन कैदी करिया उर्फ विजय पासी पुत्र जग नारायण और मनोज रैदास पुत्र रांगीलाल थाना जामो अमेठी की कथित रूप से फांसी लगाने से हुई मृत्यु के संबंध में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हुए थे।जिस पर सीजेएम सपना त्रिपाठी ने विस्तृत जांच कर आख्या दो दिसंबर को भेज दिया है। वही जेल प्रशासन का दावा था कि इन दोनों कैदियों ने मानसिक अवसाद के कारण फांसी लगा लिया था।

CJM सपना त्रिपाठी की मजिस्ट्रियल जांच में 02 कैदी नही थे अवसाद ग्रस्त

खैर सीजेएम सुल्तानपुर सपना त्रिपाठी द्वारा की गई मजिस्ट्रियल जांच में मृतकगण को अवसाद से ग्रस्त नहीं पाया गया। जांच में पाया गया कि मृतकगण मनोज और करिया की मृत्यु के समय और कारण पूर्णतया संदिग्ध है।उनकी मृत्यु 21 जून 2023 के पूर्व हो चुकी थी।जिसकी पुष्टि पीएम में शामिल चिकित्सकों ने किया। जेल प्रशासन ने जानबूझकर उनके मृत्यु की सूचना नहीं दी थी।सीजेएम सपना त्रिपाठी ने मृतकगण की मृत्यु का कारण एंटी मॉर्टम/फोर्सफुल हैंगिंग है किंतु उनके पोस्ट मॉर्टम से स्पष्ट है कि मृतक गण को किसी नशीले पदार्थ के प्रभाव में उनकी इच्छा के विरुद्ध फांसी पर लटकाया गया,जिसके कारण यह मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का है जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जेल प्रशासन की है।

मुख्य सचिव कारागार के पास पहुंची जांच क्या होगी वाराणसी के तत्कालीन जेलर पर कार्रवाई

अमिताभ ठाकुर ने कहा कि यह रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव कारागार राजेश कुमार सिंह के पास पहुंच गई है किंतु उनके द्वारा जानबूझकर मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने अविलंब हत्या का मुकदमा दर्ज करने कर उसकी सीबीसीआईडी जांच की मांग की है।साथ ही जेल अधीक्षक उमेश प्रताप सिंह सहित अन्य जिम्मेदार अफसरों को तत्काल निलंबित किए जाने की भी मांग की है।