
सुल्तानपुर के मायंग में प्रधान के खिलाफ रहा वोट,गई प्रधानी
धनपतगंज के मायंग में पूर्व विधायक सोनू सिंह व मोनू सिह का जलवा रहा कायम।
प्रधान रामदेव सत्ता के संरक्षण के बाद भी नही बचा पाए कुर्सी
बल्दीराय एसडीएम विदुषी सिंह व पुलिस अफसर ने निष्पक्षता से कराई काउंटिंग
News Source:-Indrasen Dubey
धनपतगंज,सुल्तानपुर। हाईकोर्ट के निर्देश पर वोटिंग हुई।फिर मतगणना कराई गई।जिसमे मायंग गांव के प्रधान रामदेव निषाद की कुर्सी चली गई।भद्र परिवार समेत ग्रामीणों का जलवा कायम रहा।अब आगामी छह में नए सिरे से प्रधानी का चुनाव होगा।तब तक तीन सदस्यीय टीम ग्राम पंचायत में विकास कार्यों की देख रेख व निष्पादित करेगी।फिलहाल मतगणना के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल व अफसर मुस्तैद रहे।
हाईकोर्ट के निर्देश पर नवंबर माह में कोरम पूरा करते हुए प्रधान के खिलाफ अविश्वास पर वोटिंग कराई गई थी।मतगणना अग्रिम आदेश तक रोक दी गई थी।इसी बीच प्रधान के पक्ष में पारित स्टे खारिज हो गया।ऐसे में शुक्रवार को अविश्वास पर पड़े 1575 मतो की गिनती ब्लाक धनपतगंज के सभागार में कराई गई।मतगणना में 1379मत विपक्ष को मिले।जबकि प्रधान को 188 वोट में संतोष करना पड़ा।इसके अलावा शेष मत अवैध रहे। चुनाव परिणाम आते ही मायंग गांव में जश्न का माहौल रहा।कस्बे में ही सोनू सिंह व मोनू सिंह ने सभी को मिठाई खिलाई।ब्लाक प्रमुख मोनू सिंह ने कहा कि यह जीत पूरे गांव की जीत है।जब भी चुनाव होंगे तो आम सहमति से ही प्रत्याशी बनाया जाएगा। जबकि एक तिहाई से एक भी मत यदि प्रधान के पक्ष में चला गया होता तो प्रधान की कुर्सी बच सकती थी।

भद्र परिवार के आगे फेल सत्तासीन पार्टी की राजनीति
पूर्व . विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू व ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू का प्रभाव इतना है कि ग्राम प्रधान के लिए अविश्वास प्रस्ताव बचाना लगभग असंभव था।उधर,ग्राम प्रधान एक भाजपा विधायक के बेहद करीबी बताए जाते हैं। उन्हीं की शह पर उन्होंने पूर्व विधायक व उनके समर्थकों पर एक केस भी दर्ज करा दिया था।जो पुलिस जांच में ही खारिज हो गया। इसलिए इस मतगणना पर पूरे जिले की राजनीतिक दृष्टि लगी हुई थी। मतगणना में दो एडीओ पंचायत को निर्वाचन कराने का जिम्मा था।इनके साथ ही पीडी केके पांडेय,डीडीओ अजय पांडेय,डीपीआरओ अभिषेक शुक्ल,एसडीएम विदुषी सिंह,सीओ सौरभ सामंत,रमेश कुमार, एसओ कुड़वार,दोस्तपुर,कूरेभार,धनपतगंज समेत भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।