
- रायबरेली मंडल के डायरेक्टर समर सिंह व प्रोजेक्ट मैनेजर विकल्प सिंह ने कराया था निर्माण
सुल्तानपुर।अयोध्या-प्रयागराज हाईवे बाईपास पर टाटियानगर गोमती नदी पुल एक।बार फिर अपने जर्जर अवस्था मे पहुंच गया है जबकि पुल मरम्मत होने के 3 माह भी पूरे भी नही हुए है और पुल बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहा है।गोमती पुल का यह हाल तब है जब जिले की तेजतर्रार सांसद व पूर्व मंत्री मेनका गांधी है।उनके इतने प्रयासो के बाद भी जिले के जिम्मेदार व एनएचआई के इंजीनियर्स की एक बार फिर कमीशन खोरी उजागर हुई है।
जबकि पुल के मरम्मती करण के समय पूर्व जिलाधिकारी रवीश गुप्ता (Dm Raveesh gupta) ने समय समय पर जाकर पुल निर्माण कार्य में लगे तकनीकी कर्मियों और एनएचएआई के अधिकारियों में गुणवत्ता लाने के साथ ही बेहतर निर्माण के आदेश भी दिए थे

- 3 माह पूर्व पुल मरम्मत में लेटलतीफी से जिले में बढ़ गया था प्रदूषण का स्तर
अयोध्या-प्रयागराज हाईवे बाईपास पर पुल मरम्मत में चलते शहर के अंदर सड़क पर तीन हाईवे के लोड से जाम का संकट और प्रदूषण का स्तर बढ़ गया था।
- डीएम ने गुणवत्ता पूर्वक निर्माण के लिए 3 बार बढ़ाया था निर्माण समय सीमा,फिर भी निर्माण फेल
जिले में अयोध्या-प्रयागराज हाईवे बाइपास टाटियानगर गोमती नदी पुल के मरम्मत की योजना एनएचएआई रायबरेली मंडल के डायरेक्टर समर सिंह व प्रोजेक्ट मैनेजर विकल्प सिंह ने 20 नवम्बर से 20 दिसम्बर पूरे 2 माह का समय लिया। फिर तकनीकी कारणों से कमियां अधिक निकलने के कारण पुल मरम्मत के लिए 20 दिन का और समय मांगा। 20 दिसम्बर को जाकर कार्य को पूरा करके एक बार आवागमन बहाल किया गया था।
- पूर्व डीएम ने इन अधिकारियों को दिया था मानीटरिंग का जिम्मा
जिलाधिकारी की ओर से टाटियानगर गोमती पुल मरम्मत को लेकर पूर्व मुख्य राजस्व अधिकारी शमशाद हुसैन और यातायात सीओ अब्दुल सलाम को भी जिम्मेदारी दिया था। बहरहाल 3 माह में ही पुल में तकनीकी कमी से घटिया निर्माण के तरफ इशारा करता है।अब देखना यह होगा कि तत्कालीन डीएम जसजीत कौर (DM Jasjeet Kaur sultanpur)निर्माण कार्य मे कमीशन खाने वाले कर्मियों के खिलाफ क्या एक्शन लेंगी…
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