
- 6 महीने में 5 कैदियों की मौत,फिर भी जेल अधीक्षक के ऊपर नही हुआ कोई एक्शन
- डीजी जेल ने इतनी बड़ी घटना पर साधी रही चुप्पी
- सुल्तानपुर जिला कारागार में दो बंदियों की मौत से जुड़ा मामला
- पीएम रिपोर्ट ने जेल प्रशासन की भूमिका पर उठाए सवाल
- डीएम बोली सीजीएम की जुडिशल इंक्वायरी से खुलेगा राज।
सुल्तानपुर।जिला जेल में दो कैदियों की मौत के मामले में पीएम रिपोर्ट से चौकाने वाले कई राज सामने आए है।जिला जेल अफसर व कर्मियों को मौत की भनक दो दिन बाद लगने से कई सवाल जिला प्रशासन को कटघरे में खड़ा करने के लिए पर्याप्त है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की जांच शुरू कर दी गई है।
प्रकरण सुल्तानपुर जिला कारागार में अमेठी के 2 बंदियों की मौत से जुड़ा हुआ है।यह हत्या है या आत्महत्या इसका राज जुडिशल इंक्वायरी से खुलने की उम्मीद है।फिलहाल पीएम कर रहे चिकित्सकों की माने तो शव को दो से तीन दिन पुराना बताया गया है।शरीर पर कई चोट के निशान भी हैं।ऐसे में देखा जाय तो जेल में तरह तरह खूंखार व सामान्य कैदी बंद है।इसके बावजूद जेल अधीक्षक उमेश प्रताप सिंह व इनकी टीम कुंभकर्णी नींद में थी।तभी तो कैदियों की मौत के तत्काल बाद इन्हे पता नही चला।
- हत्या या आत्महत्या के बीच सस्पेंस बरकरार
फिलहाल यह मौत हत्या है या आत्महत्या।इसका खुलासा सीजेएम की जांच के बाद ही उठेगा।मृतक अमेठी जिले के जामो थाना क्षेत्र के लोरिकपुर गांव से जुड़ा हुआ है । जहां के स्थानीय निवासी मनोज पुत्र रंगीलाल और करिया पुत्र जगनारायण को बीते 30 मई को सुल्तानपुर जिला कारागार दाखिल किया गया था। हत्या के मामले में यह लोग निरुद्धथे। जेल प्रशासन के बात पर गौर करे तो जून माह के पहले सप्ताह में उसका पिता मिलने आया था और 12 जून को मुलाकात के बाद पिता ने कानूनी मदद देने से इंकार कर दिया था। हत्या के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई सुनिश्चित की थी। 21 जून को संदिग्ध परिस्थितियों में दोनों की डेड बॉडी सुल्तानपुर जिला कारागार में पाई गई थी। डेड बॉडी जेल में मिलने के बाद मौके पर हड़कंप मच गया था और डीएम जसजीत कौर, एसपी सोमेन वर्मा और आईजी अयोध्या प्रवीन कुमार,डीआईजी हेमंत कुटियाल मौके पर पहुंचे थे। फॉरेंसिक टीम से जांच-पड़ताल शुरू कराई गई थी।
- 03 चिकित्सको के पैनल ने वीडियो कैमरे की निगरानी में।किया पोस्टमार्टम
पूरे मामले में तीन चिकित्सकों के पैनल से वीडियो रिकॉर्डिंग की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को फिर डीएम जसजीत कौर अपनी टीम के साथ जिला कारागार पहुंची।मामले में मजिस्ट्रेट जांच की रूपरेखा तय की गई थी। जेलर की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को जुडिशल इंक्वायरी का अध्यक्ष बनाया गया है। वही दोनों मृतक बंदियों के पिता की तरफ से हत्या की आशंका जताई जाने से भी मामला तूल पकड़ लिया है।फिलहाल इस गंभीर प्रकरण में अभी तक जेल प्रशासन के किसी अफसर पर दूर किसी जेल कर्मी के खिलाफ कोई एक्शन तक नही हो सका है।जिसकी चर्चाएं आम हैं।