
- सांसद मेनका गांधी के निवास तक बन रही सड़क में उजागर किया गोरखधंधा।
सुल्तानपुर।निवर्तमान नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल ने पद से हटते ही नगर पालिका प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा डाली।जिससे नपा व राजनीतिक हल्के में चर्चाएं आम हैं।
वे अपने पति पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजय जायसवाल के साथ डीएम कार्यालय पहुंची चेयरमैन ने कहा कि जल निगम निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार कर रहा है। वही उनके पति ने नगर पालिका प्रशासन पर वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितता का मुद्दा उठाया है।बीते कार्यकाल में बीजेपी के नगर पालिका चेयरमैन पद पर बबीता जायसवाल ने दायित्व संभाला था। कार्यकाल पूरा होने के बाद अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज पांडे कार्यभार देख रहे हैं।
प्रशासनिक हाथ में आते ही निवर्तमान चेयरमैन आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया है।जिलाधिकारी जसजीत कौर से मिलने पहुंची। नगर पालिका चेयरमैन बबीता जायसवाल ने जल निगम के इंजीनियरों पर वित्तीय धांधली करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जल निगम के ठेकेदार कार्यकाल के पहले ही दोबारा सड़क का निर्माण कर रहे हैं जबकि हाल ही में यहां सड़क बनाई गई थी।पूरे मामले में सरकारी धन का दुरुपयोग करने का आरोप उनके पति व जिला पंचायत सदस्य अजय जायसवाल ने लगाया है। पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए नवागत डीएम ने जांच कर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
गौरतलब हो कि नगर पालिका चेयरमैन पद पर रहते हुए सभासदों ने लंबे समय तक बबीता जायसवाल और उनके पति पर वित्तीय अनियमितता और धन दुरुपयोग का आरोप लगाया था। लंबे समय तक इसकी जांच हुई थी। जिसमें पुष्टि के बाद भी कोई कार्यवाही सुनिश्चित नहीं हो सकी थी। 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के साथ ही एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर निवर्तमान चेयरमैन बबीता जायसवाल और उनके पति जिला पंचायत सदस्य अजय जायसवाल ने शुरू कर दिया है। बबिता ने कहा कि जल निगम की तरफ से शास्त्री नगर मोहल्ले में जो सड़क बनाई जा रही है। वह निर्माण कार्य बेहद घटिया किया जा रहा है। अभी हाल ही में यह सड़क बनाई गई थी
- सड़क बनाने के बाद 3 साल का एग्रीमेंट,फिर सड़क जर्जर
हर सड़क का 3 साल का एग्रीमेंट होता है बेहतर गुणवत्ता और रखरखाव से संबंधित ठेकेदार का।पूर्व जिपंस अजय जायसवाल ने कहा कि जल निगम की तरफ से जो कार्य कराया जा रहा है। वह काफी निम्न गुणवत्ता का कार्य है। इसकी शिकायत करने हम यहां जिलाधिकारी के यहां आए हैं। नगरपालिका में भी वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितता बरती जा रही है। बिना अप्रूवल लिए जेम पोर्टल पर टेंडर निकाल दिया गया था।जिसे जिलाधिकारी ने निरस्त भी कर दिया है।