
अदभुत है सुल्तानपुर की ऐतिहासिक दुर्गापूजा तभी तो कोलकाता के बाद है यहां की चर्चा
सजी देवी देवताओं की झांकी मोह रही लोगो का मन।
सुल्तानपुर।देशभर में कोलकाता के बाद इस जिले की दुर्गा पूजा वाकई अद्वितीय है।देवी देवताओं से बनी झांकियां जीवंत रूप में दिख रही है। जगह जगह पर स्थापित प्रतिमाओं के साथ ही कही पर पूड़ी कचौड़ी तो कही पर छप्पन भोग जैसे प्रसाद वितरित किए जा रहे है।निःशुल्क इलाज,लोगो की मदद हेतु शिविर भी संचालित हो रहे है।
फिलहाल इस जिलें में विजयदशमी के दिन जहां पर गैर जनपदों में दुर्गा महोत्सव का समापन हो जाता है। वहीं इस जिले में दशहरा से शुरू हो कर दुर्गा पूजा पांच दिन पूर्णमासी को संपन्न हो मूर्तियां विसर्जित होती है।अंतिम समय में जिलेवासी गमगीन हो जाते है।फिलहाल इस दुर्गा पूजा में समितियों के कार्यकर्ताओं के साथ ही जिला व पुलिस प्रशासन के साथ ही हिंदू मुस्लिम एक साथ त्योहार को मनाते है।

लगभग 65 वर्षो से लगती है दुर्गापूजा-
सुलतानपुर में दशहरा के 65 वें ऐतिहासिक दुर्गा पूजा मेले में लाखों श्रद्धालुओं की धूम मची हुई है। चंद्रयान से जुड़े भारतीय वैज्ञानिकों को लाखों नागरिक सेल्यूट कर रहे हैं। जिले भर में दुर्गा प्रतिमाओं के करीब एक हजार पांडाल स्थापित किए गए हैं,जिनमें से 150 से अधिक दुर्गा पांडाल नगर क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं।प्रत्येक पंडाल में श्रद्धालुओं के द्वारा पूजा अर्चन व देवी गीत जगराता कार्यक्रम महोत्सव का आकर्षण बना हुआ है।

दुर्गा महोत्सव के संस्थापक रज्जन सेठ ने बताया कि बिहार के सिवान जिले से आए भिखारी लाल सोनी ने वहां की परंपरा के अनुसार दशहरे से दुर्गा महोत्सव का शुभारंभ 1953 में किया था,शरद पूर्णिमा तिथि को विसर्जन किए जाने की परंपरा आज भी कायम है,उन्होंने बताया कि महोत्सव में गंगा जमुनी तहजीब का मिश्रण दिखाई पड़ता है उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर की दुर्गा पूजा विश्व भर की अनूठी दुर्गा पूजा में से एक है।चौक क्षेत्र में अंतरिक्ष यान के रूप में मां के पंडाल को आकर्षक बनाया गया है
वही डाकखाने के निकट बजरंगी ग्रुप की ओर से आशीष पांडेय सनी की अगुवाई में पंडाल लगा है।दिनवार भक्तो को पूड़ी पकवान वितरित किया जा रहा है।विहिप के दिवाकर सिंह की तरफ से कैंप आयोजित है।
निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन डा. शैलेंद्र त्रिपाठी की अगुवाई में चल रहा है।इस शिविर का उद्घाटन भाजपा जिलाध्यक्ष डा.आरए वर्मा ने फीता काटकर किया।बस अड्डे पर पीटर इंग्लैंड शोरूम के बगल स्थापित दुर्गा जी झांकी है।यहां पर भक्तो को पूड़ी सब्जी वितरित किया गया।यह जानकारी अधिवक्ता नवीन शुक्ल ने दिया।महोत्सव में पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ जौनपुर अयोध्या बाराबंकी व अंबेडकरनगर के श्रद्धालु भी उमड़ पड़े हैं।
चाक चौबंद व्यवस्था के लिए जोन व सेक्टर हुआ विभाजन
डीएम कृतिका ज्योत्सना ने बताया कि समूचे नगर को 3 जोन एवं 9 सेक्टर में विभाजित करके मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई है। यातायात की सुचारू रूप से संचालन के लिए जगह-जगह पर रूट डायवर्जन किया गया है। वही एसपी सोमेन बर्मा ने बताया कि दुर्गा पूजा महोत्सव में सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने के लिए पड़ोस के जनपदों से अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है, प्रत्येक जोन में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी एवं प्रत्येक सेक्टर में सीओ एवं इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई है, छेड़खानी की घटनाओं से बचने के लिए सादी वर्दी में महिला पुलिस कर्मियों की भी टीमें तैनात की गई है। पूरे मेले को ड्रोन कैमरे से कवर किया जा रहा है।
पांचवें दिन शोभायात्रा के साथ विसर्जित होगी प्रतिमाएं-
28 अक्टूबर को देर रात डीएम एसपी व केंद्रीय पूजा समिति के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी बड़ी माता को चौक में हरी झंडी दिखाकर विसर्जन के लिए रवाना करेंगे।फिर 36 घंटे तक चलने वाली दुर्गा प्रतिमाओं के लंबी शोभायात्रा के उपरांत गोमती नदी के तट पर निर्मित विसर्जन कुंड में प्रवाहित किए जाने की योजना है।फिलहाल हिंदुओ की आस्था व मांग पर आदि गंगा मां गोमती में प्रतिमाएं प्रवाहित की जाती है। दुर्गा प्रतिमाओं के निर्माण के लिए 6 माह पूर्व ही पश्चिम बंगाल व झारखंड के मूर्तिकार सुल्तानपुर आ जाते है।