Report:-Indrasen Dubey,Kurwar

- चित्रकूट की धरती से चलकर चन्दौर स्थित ब्रह्मचारी आश्रम पहुंचे साधु संत
कुड़वार,सुल्तानपुर।जिले के कुड़वार ब्लॉक के चन्दौर में गणतंत्र दिवस से सवाई पुण्यतिथि पर 108 कुंडीय लक्ष चंडी महायज्ञ आयोजन किया जा रहा है।
कुबुद्धि, कुविचार, दुर्गुणों से युक्त व्यक्तियों का मन भी यज्ञ में शामिल होने से बदल जाता है। यज्ञ का प्रभाव सुसंस्कृत बना देता है। यज्ञ को पाप नाशक भी कहा गया है। आधुनिक विज्ञान के युग में आज भी यज्ञ और हवन की महत्ता को स्वीकारा जाता है।
स्वाहा-स्वाहा और दैवीय मंत्रों की गूंज और यज्ञ के लिए बनाए गए हवन कुंड में दी जाने वाली आहुति का मनुष्य की भीतरी चेतना पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसी रहस्य को जानने में हमारे ऋषियों मुनियों ने हजारों वर्षों तक श्रम किया था। शब्द-विद्या के वैज्ञानिक तथ्यों को जानकर मंत्र शास्त्र की रचना की थी। आज के समाज को यह जानना जरूरी है कि यज्ञ कोई सामान्य आयोजन नहीं होता है। जिस शहर या राज्य की भूमि पर यज्ञ होते हैं, वहां देवत्व का आशीर्वाद मिलता है। धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि प्राचीन काल में तीर्थ वहीं बने हैं, जहां बड़े-बड़े यज्ञ हुए हैं।
जिले के कुड़वार ब्लॉक के चन्दौर में गणतंत्र दिवस से सवाई पुण्यतिथि पर 108 कुंडीय लक्ष चंडी महायज्ञ आयोजन किया जा रहा है। यज्ञ को दिव्य व भव्य रूप देने के लिए ब्रह्मचारी आश्रम चन्दौर में साधु संतों का दल पहुंचा।आश्रम के प्रबंधक बाबा अवधेश दास त्यागी ने बताया कि चित्रकूट की धरती से मानस शास्त्री वैदेही के मुखार बिंदो से श्री राम कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है।इसके साथ ही रात्रि 8:00 बजे के बाद रामलीला का कार्यक्रम रात्रि 12:00 बजे तक चलेगा।आगामी 6 फरवरी को सवा लाख दीप भारतवर्ष के कर्णधार भारत के रक्षक व शहीदों की याद में गोमती नदी में दीपदान किया जाएगा।