
सुल्तानपुर में प्रभारी हेडमास्टर की मौत मामले में आरोपी बीईओ के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
54 घंटे बाद शव का हुआ अंतिम संस्कार,नेता,पत्रकार,अधिवक्ता,शिक्षक समेत सभी ने की शिरकत।
शिक्षक संगठनों की एकजुटता से बैकफुट पर आया जिला प्रशासन।
Source:-Indrasen Dubey Reporter
सुल्तानपुर।प्रभारी प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी का शव 54 घंटे बाद अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।वह भी तब जब परिजनों की मांग को पूरा किया गया।मृतक के बेटे की तहरीर पर कुड़वार थाने में खंड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने का आज मुकदमा दर्ज हुआ है,जबकि सच तो यह है कि शुरू से की जा रही इस मांग पर अमल लिया गया होता तो जिला प्रशासन को बैकफुट पर न आना पड़ता।

54घंटे बाद गुरुवार की सुबह 7 बजे के आसपास डीएम कृतिका ज्योत्सना व एसपी सोमेन बर्मा बल्दीराय के केवटली गांव पहुंचे। दोनों आला अधिकारियों ने मृतक प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी के परिजनों से वार्ता शुरू किया।जब पेंच एफआईआर पर आकर फिर फंस गया।आखिर में मृतक के बेटे ज्ञान प्रकाश द्विवेदी से तहरीर लेकर उच्च अधिकारियों ने कुड़वार थाने पर भेजा। जहां सुबह 8:20 पर बीईओ मनोजीत राव के विरुद्ध धारा 306, 506 भादवि के तहत अभियोग पंजीकृत हुआ। एफआईआर की कॉपी मिलते ही परिवार वालों ने अंतिम संस्कार के लिए शव उठाया और कुड़वार घाट के लिए लेकर रवाना हुए।मृतक के भाई धर्म प्रकाश द्विवेदी, बेटा ज्ञान प्रकाश द्विवेदी और बेटी श्वेता समेत शिक्षक नेता मंगलवार शाम से लगातार मांग कर रहे थे कि आरोपी बीईओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो और उन्हें गिरफ्तार किया जाए। प्रशासनिक अधिकारियों में डीएम के अलावा एडीएम प्रशासन पंकज सिंह, सीआरओ शैलेंद्र मिश्र,एसडीएम सीपी पाठक,विदुषी सिंह,संजीव यादव,वंदना पांडेय,तहसीलदार केपी सिंह,घनश्याम भारतीय,पुलिस अधिकारियों में एसपी के अलावा सीओ नगर,बल्दीराय समेत कई थानों की फोर्स के साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधि लगातार पीड़ित परिवार और शिक्षक संगठन को समझाने में लगे रहे।38 घंटे तक निरंतर मान-मनौव्वल का दौर चलता रहा लेकिन बात एफआईआर पर आकर टिकी रही।अंत में जिले के अधिकारियों ने परिवार की मांग को मानते हुए बीईओ मनोजीत राव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई तब कही जाकर बात बनी।
जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन व शासन में की वार्ता-
इस मामले में शव गांव पहुंचते ही एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह व ब्लाक प्रमुख मोनू सिंह कई घंटे तक अंतिम संस्कार करने का अनुरोध करते रहे।एमएलसी ने परिजन की मांगों को मानने व रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही थी।वही विधायक राज प्रसाद उपाध्याय,देवमणि दुबे,विकास शुक्ल भी प्रयासरत रहे। पूर्व मंत्री जय नारायण तिवारी,डा.डीएस मिश्र भी मांगो को मानने का अनुरोध किया।शिक्षक नेताओं ने कहा कि परिजन की जायज मांग पूरी होते ही अंतिम संस्कार कराने की बात कही।ब्राह्मण नेता व भाजपाई महिमा शंकर द्विवेदी ने कहा कि विवाद की वजह जिला प्रशासन व पुलिस महकमा है,मुकदमा लिखने से कोई दोषी नही हो जाता।बेसिक महकमे में घूसखोरी चरम पर है,सभी संरक्षण दे रहे है।

फिलहाल को बुधवार दोपहर बाद से ही जिले की सांसद मेनका गांधी जिले और शासन स्तर के अधिकारियों से सीधे संपर्क में आ चुकी थी उन्होंने एफआईआर दर्ज करने के लिए शासन में कहा था। जिसको देर से ही सही अमल में लाया गया।फिलहाल 54घंटे बाद या यूं कहे लेटलतीफ कार्रवाई से मृतक शव से दुर्गंध आना शुरू हो गई थी। कल दोपहर बाद से ही शव को बर्फ लगाकर रखा गया था।एफआईआर दर्ज होने के बाद शव को पैतृक आवास से उठाकर घाट पर ले जाया गया। जहां बेटे ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।

ये था पूरा मामला-
बता दें कि कुड़वार के पूरे चित्ता जूनियर हाईस्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी शनिवार को वे बेटे के स्वास्थ्य बिगड़ने पर अवकाश लेकर घर आए थे। इसके बाद बीईओ मनोजीत राव स्कूल पहुंचे और सूर्य प्रकाश को ड्यूटी पर नहीं पाया। जिस पर उन्होंने कार्रवाई के लिए बोला। बताया जा रहा है कि इस पर सूर्य प्रकाश ने ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू से बीईओ को फोन कराकर पैरवी कराया। इसे उन्होंने प्रतिष्ठा से जोड़कर प्रधानाध्यापक को फोन पर फटकार लगा दिया। सोमवार को भी सूर्य प्रकाश ने अवकाश ले रखा था।दोपहर बाद इससे आहत होकर उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया था। उन्हें परिवार वाले राजकीय मेडिकल लेकर पहुंचे। जहां हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने लखनऊ रेफर किया। तड़के तीन बजे के आसपास उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। ये ख़बर यहां पहुंची तो शिक्षकों में उबाल आ गया। कुड़वार बीआरसी केंद्र पर मंगलवार दिन में शिक्षकों द्वारा श्रद्धांजिल सभा आयोजित किया गया।
शिक्षक नेताओं ने बीईओ समेत अन्य जिम्मेदारी पर गंभीर आरोप लगाए।वही मंगलवार देर शाम प्रधानाध्यापक का शव जब पैतृक गांव के पास पहुंचा तो परिवार शव को बीआरसी केंद्र पर ले जाने की कोशिश करने लगा लेकिन अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया।
सात मांगे रखी गई। दोषी बीईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए। 50 लाख मुआवजा सहायता राशि दी जाए।परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के रूप में योग्यता अनुसार नौकरी दी जाए। नियमानुसार मृतक की पत्नी को सभी देयताओं को एक सप्ताह के अंदर प्रदान किया जाए। मृतक की पत्नी की पेंशन एवं ग्रेज्युटी का लाभ 15 दिवस में प्रदान किया जाए। दोषी खंड शिक्षा अधिकारी मनोजीत राव के विरुद्ध न्यायिक जांच और संपत्ति की जांच की जाए।मनोजीत राव की सेवा बर्खास्त किया जाए।ये मांग पत्र प्रशासन को सौंपा गया था। देर रात तक प्रशासन और परिवार व जनता के बीच नोक-झोक भी हुई थी।

डीएम ने दिए हैं मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश-
इस बीच बुधवार को डीएम कृतिका ज्योत्सना ने प्रकरण में मजिस्ट्रियल जांच के भी आदेश दिए थे। उन्होंने एसडीएम सदर सीपी पाठक को जांच सौंपते हुए 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट तलब की है। वही BSA दीपिका चतुर्वेदी ने कुड़वार खंड शिक्षाधिकारी मनोजीत राव को हटाते हुए अपने कार्यालय से अटैच किया था।
अंतिम संस्कार के समय ये रहे मौजूद
कुड़वार राज घाट पर प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिलीप पांडेय,राजेंद्र पांडेय,सीओ सिटी राघवेंद्र चतुर्वेदी, एसडीएम क पाठक,एसडीएम बल्दीराय विदुषी सिंह,तहसीलदार घनश्याम भारती, नायब तहसीलदार कपिल आजाद, थानाध्यक्ष धनपतगंज पंडित त्रिपाठी, नगर कोतवाल श्रीराम पाण्डेय, थानाध्यक्ष बंधुआकला रविंद्र सिंह, थानाध्यक्ष बल्दीराय अमरेंद्र सिंह,चौकी इंचार्ज राकेश ओझा इंस्पेक्टर कुड़वार गौरी शंकरपाल,शिक्षक नेता राजेंद्र पांडेय, मंत्री एचबी सिंह, संयुक्त मंत्री नरेंद्र पांडेय, रणधीर सिंह, राम बहादुर मिश्र, अंजनी शर्मा, रीतेश सिंह, केके सिंह, कांग्रेस नेता अनिल मिश्रा विनोद यादव,शैलेश तिवारी, आदि मौजूद रहे।