
- सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अन्य थानेदारो पर गिर सकती है गाज
- –कई थानों में जारी सेटिंग गेटिंग पर लगाया अंकुश
सुल्तानपुर।जिले की कमान जब से एसपी सोमेन बर्मा ने संभाली है तब से अब तक दर्जनों थाना प्रभारी पर एसपी ने शिकंजा कसते हुए सस्पेंड अथवा लाइन हाजिर करने का सिलसिला जारी रखा है। फिर भी यह मनबढ़ मातहत अपनी बेतरतीब व मनमानी कार्यशैली से बाज नहीं आ रहे हैं। अपराध छिपाने व मिनिमाइज करने की प्रमुख वजह धन उगाही करना शामिल है।ये दरोगा पहले मित्रता की भूमिका में रहते है।चार्ज मिलने पर मित्र पुलिस की भूमिका से कोसो दूर हो जाती हैं।जिससे योगी सरकार की मंशा पर पानी फेर देते हैं। बहरहाल सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाने को लेकर एसपी सोमेन बर्मा लगातार कानून व्यवस्था कायम करने के लिए लगे हुए है

- एसपी सोमेन बर्मा के निर्देशन में विद इन वीक होता है अपराधो का खुलासा
जिले में बतौर एसपी सोमेन बर्मा की तैनाती के दिन से भले ही अपराध से स्वागत हुआ हो।लेकिन ज्यादातर अपराधो का खुलासा भी विद इन वीक भी होते रहे है। एसपी श्री बर्मा जब से जिले में कमान संभाले है तब से कई थाना प्रभारी अपनी कुर्सी भी गंवा चुके है।खास बात यह है कि एसपी को जैसे ही अपने मातहतों की भूमिका सन्दिग्ध लगती है तुरन्त वह विभागीय एक्शन लेते है।यही नही सोमेन बर्मा अपराधों पर तुरन्त ही घटना स्थल पर पहुंच कर स्वयं कमान संभालते हुए अपराधों का खुलासा पूरी निगरानी पैनी नजर के साथ करते है।
- अब तक इन दरोगाओं पर एसपी ने की कार्रवाई
नजर डाली जाए तो दोस्तपुर के इंस्पेक्टर अनिल मिश्र लाइन में है।कादीपुर के कोतवाल रहे देवेंद्र सिंह व एक दरोगा अखिलेश सिंह भी पैदल हैं।चर्चा है इन पर लगाए गए आरोप भी निराधार हैं।वही कोतवाल अनिरुद्ध सिंह को दो दो बार चार्ज गोसाईगंज,कोतवाली देहात सौंपी गई,लेकिन एक बड़ी घटना को दर्ज करने के बजाय छिपाने में नप चुके है।फिलहाल पीआरओ बन गए है।वही महिला इंस्पेक्टर मीरा कुशवाहा को चार्ज से हटाने की वजह जगजाहिर है। शुरुआती दौर में थाना धनपतगंज में तैनात रहे दरोगा श्रवण मिश्र एक पीड़िता(कोरौ) की जमीन पर मोटी रकम लेकर कब्जा कराने के मामले में लाइन हाजिर हो चुके है।यही नहीं दो दिन पहले एक भाजपा नेता से अभद्रता में कई वर्षो से सीताकुंड पुलिस चौकी पर तैनात रहे दरोगा कमलेश यादव व दो सिपाही सस्पेंड हो चुके हैं।वैसे इन दरोगा पर तरह तरह के आरोप लगते रहे है। बानगी के तौर पर एक पत्रकार किशन पाठक के बेटे से अभद्रता करने की शिकायत में लीपापोती खूब हुई, जांच में क्लीन चिट भी मिल गई थी।यही नहीं बाइक व अन्य चोरियां भी खूब होती रही।खैर हाल के मामले में एसपी,सीओ,कोतवाल व भाजपा जिलाध्यक्ष तक भाजपा नेता के घर पर गए तब इतने ही एक्शन पर मामले का पटाक्षेप हुआ अन्यथा सीनियर पुलिस अफसर भी लपेटे में आ जाते।फिलहाल एसपी किसी भी थाने के प्रभारी की ट्रांसफर पोस्टिंग में यकीन कम करते हैं।इधर कुड़वार,बंधुआ कला,हलियापुर,गोसाईनगंज, मोतिगरपुर समेत कई थानों की शिकायते ज्यादा आने की चर्चाएं आम हैं।