Wednesday, June 18, 2025
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05 वां स्थापना दिवस समारोह:युवा पीढ़ी डिजिटल तकनीकी के सदुपयोग की बजाय, रील्स बनाने में उलझी:-प्रो राधेश्याम सिंह..

सुलतानपुर, 3 जून 2025। ग्रामीण पत्रकारिता का बदलता परिदृश्य, खासकर भारत के गांवों में, शिक्षा और तकनीकी प्रगति के कारण तेजी से बदल रहा है। जहां पहले गांवों में मीडिया की पहुंच सीमित थी, वहीं अब शिक्षा के प्रसार और संचार माध्यमों की उपलब्धता के कारण गांवों की खबरें भी अब प्रमुख मीडिया में जगह पाने लगी हैं. इन विचारों को वक्ताओं ने एक समाचार पत्र के 5वें स्थापना दिवस पर व्यक्त किया।अमहट स्थित महल रिसॉर्ट में स्थापना दिवस के शुभारंभ में सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर डॉ. तूलिका रानी, सेवानिवृत्त डीआईजी दयानंद मिश्र और प्रोफेसर राधेश्याम सिंह ने दीप प्रज्वलन व मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके किया।कार्यक्रम के आयोजक व समाचार पत्र के संपादक अंजनी तिवारी ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ, पौधा और प्रशस्ति पत्र भेंट कर स्वागत किया।

रिटायर्ड डीआईजी दयानंद मिश्रा ने ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते साइबर अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सबसे अधिक धोखाधड़ी ग्रामीणों के साथ हो रही है, जहां फर्जी कॉल करके बैंक, पुलिस या किसी अन्य सरकारी अधिकारी के नाम पर पैसे ऐंठे जा रहे हैं। उन्होंने लोगों को सतर्क रहने और संदिग्ध कॉल्स की स्थिति में तत्काल पुलिस की सहायता लेने की सलाह दी। इस मौके पर उन्होंने ग्रामीण पत्रकारिता को लोकतंत्र की असली ताकत बताया।

स्क्वाड्रन लीडर डॉ. तूलिका रानी ने महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत की असली बुनियाद गांवों में रहने वाली महिलाएं हैं जो अब शिक्षा, स्वास्थ्य, सेना और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। शिक्षिका डॉ. बबीता सिंह और समाजसेवी गुंजन सिंह ने भी इस सत्र में अपने विचार साझा किए।

के.एन.आई. के पूर्व प्रचार्य व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. राधेश्याम सिंह ने युवा पीढ़ी की डिजिटल लत पर चिंता जताते हुए कहा कि आज गांवों के युवा रील्स में उलझते जा रहे हैं और वास्तविकता से कट रहे हैं, जबकि पत्रकारों की जिम्मेदारी है कि वे गांव की चेतना युवाओं को जागरूक करने का कार्य काम करे। वरिष्ठ पत्रकार सत्यदेव तिवारी ने कहा कि जब पत्रकारिता एक मिशन थी तब जनता उसे भगवान मानती थी, लेकिन अब पेड न्यूज़ ने उसकी साख को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने ग्रामीण पत्रकारों से आग्रह किया कि पत्रकारिता की मूल भावना को जीवित रखें।

गनपत सहाय पीजी कॉलेज के प्रवक्ता अरविंद चतुर्वेदी ने कहा कि ग्रामीण पत्रकारिता बेहद चुनौतीपूर्ण है और इसमें संवेदनशीलता व सामाजिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है क्योंकि ग्रामीण जनता जब अन्यत्र न्याय नहीं पाती, तो पत्रकारों की ओर देखती है।

कार्यक्रम के दौरान मेधावियों, प्रगतिशील किसानों और आत्मनिर्भर महिलाओं को सम्मानित किया गया। सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 10 की परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक लाकर अवध रीजन में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली अदीबा खुर्शीद तथा बारहवीं में जिले में 97.8 प्रतिशत अंक लाने वाले मोहम्मद शादाब को प्रशस्ति पत्र और पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया। यूपी बोर्ड में ग्रामीण अंचल की दसवीं टॉपर दिशा यादव और बारहवीं की छात्रा करुणा बौद्ध को भी अतिथियों द्वारा सम्मान प्रदान किया गया। प्रगतिशील किसान जमील अहमद और सोहेल अहमद को कृषि क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मान मिला, वहीं सुमन पांडेय और सरिता यादव को आत्मनिर्भर महिला के रूप में सम्मानित किया गया।इस अवसर पर कार्यक्रम में पधारे जिला सूचना अधिकारी व कवि लेखक रितेश रजवाड़ा ने गाँव देहात परिवार को शुभकामनायें भेंट की। स्थापना दिवस के आयोजन में अनेक गणमान्य नागरिक, पत्रकार और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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