
- जब धरती के भगवान बनकर उतरे सुल्तानपुर सीएमओ डॉ डीके त्रिपाठी..
- साधरण परिवार में जन्म लेकर तय किया चिकित्सा जगत तक का सफर
- सुल्तानपुर जिले में सेवा के दिए स्वर्णिम लगभग 03 वर्ष,दर्ज किया रिकॉर्ड
दस्तक भारत ब्यूरो
सुल्तानपुर।डॉक्टर धरती के भगवान होते हैं, तभी तो हम सीधे उनके पास भागते है ! कहते हैं कि पुण्य की जड़ पाताल में और पाप की जड़ अस्पताल में होती है। अगर पाप हुए हैं, तो डॉक्टर यमदूत ही मिलेंगे। ये भगवान के प्रतिनिधि हैं और एजेंट यमदूत ही होते हैं।उनमें से एक है धरती के भगवान कहे जाने वाले सुल्तानपुर जिले के स्वास्थ्य महकमे के मुखिया सीएमओ डॉ डी के त्रिपाठी।जिन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना काल में सुल्तानपुर जिले की कमान संभाली।जहाँ कोविड ने पूरी दुनिया को धराशायी कर दिया और कई देश तबाह हो गए। वहां पर श्री डॉ त्रिपाठी ने हिम्मत व जुनून दिखाते हुए जिले के डॉक्टर्स में ऑक्सीजन डालने काम किया और इतना ही नही मुख्य कुर्सी से लेकर फ्रंट लाइन कोविड वैरियर्स के रूप में ग्राउंड जीरो पर जाकर कई को जीवनदान दिलाया और कोविड से जिले को जिताकर कोविड के हीरो बन गए।जिले को 3 वर्ष अपना परिश्रम व कौशल देकर जिले को नया मुकाम दिलाया।इतना ही नही डॉ त्रिपाठी के अथक प्रयासों व मॉनिटरिंग के बाद जिले को नया मेडिकल कॉलेज भी मिला है।आज सीएमओ डॉ डीके त्रिपाठी सेवानिवृत्त हो रहे है।सीएमओ डॉ डी के त्रिपाठी ने जिले को नई पहचान देने में क्या क्या योगदान दिया पढ़िए दस्तक भारत की खास खबर में….

पढ़ाई से लेकर चिकित्सा जगत का सुनहरा सफर
सीएमओ धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी का जन्म 18 जुलाई 1961 को गौरीगंज तत्समय जनपद सुलतानपुर (वर्तमान जनपद अमेठी) में शिक्षक परिवार में हुआ। आपने गौरीगंज से प्रारम्भिक शिक्षा के रूप में हाई स्कूल न 1976 में प्रदेश में 21 वाँ स्थान प्राप्त करते हुए उत्तीर्ण किया तत्पश्चात् इण्टरमीडिएट राजकीय इण्टर प्रतापगढ़ से शून 1978 में जनपद प्रतापगढ़ में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए उत्तीर्ण किया। जिसके पश्चात इलाहाबाद कॉलेज विश्वविद्यालय में प्रवेश लेते हुए बी०एस०सी० प्रथम वर्ष की परीक्षा 1979 में उत्तीर्ण की और 1980 में सीपीएमटी के द्वारा एम०बी०पी०एस० हेतु चयन किंग जार्ज मेडिकल कालेज लखनऊ हुआ। 1980 से 1989 तक केजीएमसी में एमबीबीएसएमडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद एसजीपीजीआई लखनऊ से एसआर शिप की एवं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित हो 1991 से प्रादेशिक चिकित्सा सेवा उ०प्र० में अपना योगदान देना प्रारम्भ किया।
सेवा के दौरान डीके त्रिपाठी जनपद बाराबंकी, सीतापुर, बहराईच में रहते हुए जुलाई 2008 से डा० राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय लखनऊ में कार्य करना प्रारम्भ किया तथा जनपद सुलतानपुर आने के पूर्व डा० त्रिपाठी ने डा० राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय लखनऊ में सेवा अवधि के समय उपरोक्त अस्पताल को कायाकल्प, लक्ष्य एनक्यूएएस तथा एनएबीएच सर्टीफिकेशन प्राप्त करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। एवं डा० त्रिपाठी ने आर०एम०एल० संयुक्त चिकित्सालय में 2010 से विभिन्न विषयों में डीएनबी पाठ्यक्रम की शुरुआत करायी एवं इस दौरान ड0 त्रिपाठी ने अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट की शुरुआत करते हुए विभिन्न विषयों में डीएनबी पाठ्यक्रम की शुरुआत कराई एवं डी०ए-10बी0 एग्जामिनर भी रहे. व वर्तमान में भी है।
सीएमओ ने कोविड की तबाही से जिले को बचाया
जब डॉ डीके त्रिपाठी ने जिले में 25 नवम्बर 2020 मुख्य चिकित्सा अधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण किया तो कोविड- 19 महामारी का वहः भयंकर दौर आया जहाँ पर अपने अपनो का साथ छोड़ दे रहे थे।बहरहाल डॉ त्रिपाठी ने हिम्मत व जुनून से काम करते हुए बचाव के लिए जारी योजनाओं को सुगमता व सरलता के साथ अंतिम पायदान पर क्रियाशील कराते हुए एक शानदार मैनजमेंट किया। जहाँ पूरी दुनिया ऑक्सिजन व दवा के लिए तड़प रही थी औऱ मरीज दम तोड़ रहे थे तब जिले में 07 ऑक्सीजन प्लाट की स्थापना कराया।इतना ही नही कोविड मरीजो के लिए वी०एस०एल०-02 लैब की स्थापना करायी।इतना ही नही ग्राउंड पर तैनात डॉक्टर्स के साथ एल-2 और एल-1 अस्पतालों में मरीजों से मिलकर बेहतर इलाज करते हुए कई को जीवनदान दिया।इसके साथ डा० त्रिपाठी ने जिले में 09 हेल्थ एण्टी०एम० मशीनों की स्थापना करते हुए जिले में कई वर्षों से बन्द बड़े 100 शैय्या संयुक्त चिकित्सालय विरसिंहपुर को पुनर्जीवित करने का कार्य किया।जिस पर 30 मई 2023 को सूबे के उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मुखिया ब्रजेश पाठक ने आकर शुभारंभ भी किया।इतना ही नही कोविड के तबाही में डॉ त्रिपाठी ने सहजता व सरलतापूर्वक जिले में निजी अस्पतालों को भी कोविड मरीजों के इलाज के लिए एक साथ लेकर चले।जिसका नतीजा रहा कि जिले ने कोविड को मात दे दिया।इसके साथ कोविड टिकाकरण में भी ‘हर घर टिका-घर घर टीका’ लगवाने का कार्य करते हुए सतत वैक्सीनेशन कराने काम किया।
ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में दिया अतुलनीय योगदान..
सीएमओ ने डा०डी के त्रिपाठी ने जिले के साथ साथ गाँव देहात में भी स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने के लिए अनेको कदम उठाए, जिसमे कई स्वास्थ्य उपलब्धियो को अपने नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज कराया है।श्री त्रिपाठी ने निष्प्रयोज्य पड़े 03 एफ०आर०यू० कादीपुर, लम्भुआ, दोस्तपुर को पुनर्जीवित कराते हुए जिले में 02 नये एफ.आर.यू. (जयसिंहपुर एवं बल्दीराय)को स्वीकृति कराते हुए, उसमें भी सिजेरियन ऑपरेशन की व्यवस्था की शुरुआत कराया।उपरोक्त 5 एफ.आर.यू को चालू के साथ ही स्वयं ही एनेस्थ्यीसिया की सेवा प्रदान किया जो अतुलनीय,अविस्मरणीय पहल रही हैं।
जिले को स्वास्थ्य व्यवस्था में दिलाया रैंकिंग..
डा० त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दुबेपुर कायाकल्प कराया जिस पर प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्र तीसरा स्थान के साथ ही एन०क्यू०ए०एस० सर्टीफिकेट प्राप्त करने वाला प्रदेश का पहला एचडब्ल्यूसी जिला बन गया। इसके साथ ही अन्य 06 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को अवार्ड से नवाजा गया। नेशनल टीम ने निरीक्षण में 24 जुलाई को एचडब्ल्यूसी रसूलपुर को भी एनक्यूएए सर्टीफिकेट दिया गया।इतना ही नही शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का संचालन डा० त्रिपाठी ने कुशलतापूर्वक कराया पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में वर्ष 2022-23 में सुल्तानपुर को प्रदेश में प्रथम स्थान मिला।जो श्री त्रिपाठी के लगभग 3 वर्ष के सेवा काल की प्रमुख उपलब्धि में से एक रही।बताते चले कि डा० त्रिपाठी ने जब जिले की।कमान संभाली तब जिले की स्वास्थ्य डेशबोर्ड हेल्थ रैंकिंग जो 73 वें स्थान पर थी उनके कुशल व अथक प्रयास से वर्तमान में प्रदेश स्तर पर रैकिंग में जनपद 15 वें स्थान पर मजबूत रूप से खड़ा है और प्रगति का उदाहरण बना हुआ है।
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारो के साथ बैठाया बेहतर तालमेल.
सीएमओ डॉ डी के त्रिपाठी ने लगभग 03 वर्ष के कार्यकाल में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ व समाज मे अहम भूमिका निभाने वाले जॉर्नलिस्ट के साथ बेहतर तालमेल बिठाया।चाहे व कोविड का महामारी का दौर रहा हो या फिर रक्तदान महादान जैसे पुण्य कार्य ।डॉ त्रिपाठी ने जब से जिले की कमान संभाली तब से ही सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओ को जन जन से परिचित कराने के लिए प्रेसवार्ता कर पत्रकारो के साथ बेहतर समन्वय बिठाने का काम किया।कोविड के खतरनाक दौर में कोरोना वैरियर्स के भूमिका निभा रहे पत्रकारों के साथ ग्राउंड जीरो पर जाकर कंधा से कंधा मिला कर चले और पत्रकार साथियों की भी मदद की।इतना ही नही सीएमओ डॉ डीके त्रिपाठी अपने कार्यकाल में जिले के कई पत्रकार व पत्रकार संगठनों के साथ मिलकर रक्तदान शिविर के माध्यम से लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को रक्तदान महादान में शामिल कराया।
जिले के सबसे बड़े पत्रकार से संगठन भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने वर्ष 2022 मे जिला अध्यक्ष अनुराग द्विवेदी की अगुवाई में डीआईजी डॉ विपिन कुमार मिश्र व डीएम रवीश गुप्ता के उपस्थिति में दर्जनों पत्रकार सदस्यों ने रक्तदान किया।अभी हाल ही में संगठन के 15 जुलाई 2023 स्थापना दिवस के मौके पर जिला संयोजक नरेंद्र द्विवेदी व सहसंयोजक अंजनी तिवारी व राष्ट्रीय चिकित्सा प्रभारी अशोक मिश्र व मण्डल अध्यक्ष अनुराग द्विवेदी के अगुवाई में आधा दर्जन पत्रकार सदस्यों ने डीएम जसजीत कौर, एसपी सोमेन बर्मा,सीडीओ अंकुर कौशिक व सीएमओ डॉ डीके त्रिपाठी के गरिमामयी उपस्थिति में रक्तदान किया।यही नही देश प्रसिद्ध सुल्तानपुर की दूर्गापूजा में पत्रकारों के साथ मिलकर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का संचालन कराया।इसके साथ ही यह भी कहा जा सकता है कि लगभग ओ 3 वर्ष के कार्यकाल में ब्लड की कमी के कारण किसी मरीज की जान नही गयी है या यूं कहें ब्लड बैंक में पर्याप्त रक्त हमेशा रहा है ।
सामाजिक संगठनों व जनप्रतिनिधियों से लिया सहयोग,किया काम
जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने व गरीबो की मदद के लिए दिन रात तत्पर जिले के सामाजिक संगठनों से भी डॉ डीके त्रिपाठी ने कोविड के दौर में बेहतर सामंजस्य बिठाया औऱ कोविड से प्रभावित जरूरत मन्दो को राहत सामग्री दिलाने के लिए अपील किया और संगठनों ने भी कोविड के दौर से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।जिसमे जिले के लायन्स क्लब,रोटरी क्लब,अंकुरण फाउंडेशन, घर सुल्तानपुर,वन डे हंगर स्ट्राइक,रेड क्रॉस सोसायटी जैसे दर्जनों सामाजिक संगठनों से मदद लिया।श्री त्रिपाठी के बेहतर ताल मेल पर ही जिले के जनप्रतिनिधियों व विधायको ने भी स्वास्थ्य महकमे के सकारात्मक पहल में साथ आए और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में मदद किया।इतना ही नही डॉ त्रिपाठी के पहल पर कई जनप्रतिनिधियों ने कई सीएचसी पीएचसी को गोद लेकर किया कायाकल्प भी कराया।
- विदाई पर डॉक्टर्स व स्टॉफ बोले सबको मिले ऐसा प्रमोटिंग बॉस
सीएमओ डॉ डीके त्रिपाठी के विदाई पर जिला अस्पताल व विभिन्न सीएचसी व पीएचसी में तैनात डॉक्टर्स व स्टॉफ की आंखे नम हो उठी।सबकी आंखों में डॉ त्रिपाठी के सेवानिवृत्त होने पर एक पसंदीदा बॉस के चले जाने की कमी झलकने लगी।सीएमओ ऑफिस में तैनात डॉ आदित्य ने कहा कि शायद ही ऐसा मौका आएगा जब हमें फिर से डॉ त्रिपाठी जैसा मिलनसार व्यक्तिगत व अपार क्षमता वाला कॉपरेटिव बॉस फिर से मिलेगा।वही जिला महिला अस्पताल में तैनात डॉ आस्था त्रिपाठी कहती है सीएमओ सर को एक अभिभावक की तरह देखती आई हूं और हम समय मैंने उनसे कुछ नया सीखने का प्रयास किया।इतना ही नही ब्लड बैंक प्रभारी डॉ आर के मिश्र ने कहा डॉ त्रिपाठी जैसा सरल व कुशल व्यक्तित्व फिर ही शायद देखने को मिलेगा।फिलहाल सभी ने डॉ डीके त्रिपाठी को सम्मानपूर्वक विदाई देते हुए बेहतर स्वास्थ्य व सुखमय जीवन की कामना की है।विदाई के मौके पर हमारे एडिटर इन चीफ अनुराग द्विवेदी व गांव देहात के संपादक अंजनी तिवारी ने रामचरितमानस की प्रति व रामनामी अंग वस्त्र भेट करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।