
- कूरेभार थाने के पिपरी साईं नाथपुर गाँव मे पेड़ काटे जाने का मामला।
- वन विभाग जांच के बाद भी नही ले रहा एक्शन कर रहा लीपापोती
सुल्तानपुर।जिले की सांसद मेनका गांधी अपने संसदीय दौरे पर है।श्री मती गांधी लगातार अलग अलग विधानसभा में जाकर लोगो को संबोधित कर रही है।यही नही आमजनमानस की समस्याओं का निदान भी कर रही है।यही नही बीते कुछ दिनों पहले सांसद मेनका गांधी ने अवैध तरीके से पेड़ो की कटान और आरा मशीनों को बंद कराने का आदेश भी दिया था।लेकिन सेटिंग गेटिंग के खेल में वन महकमा मशगूल है और हरियाली पर धडल्ले से आरा चल रहा है।
ऐसा ही एक मामला जिले के विकास खण्ड धनपतगंज क्षेत्र से सामने आया है।पूरा मामला कूरेभार थाना क्षेत्र के पिपरी साईनाथपुर के तिहैता के पुरवा का है।जहां पर गाँव के बजरंग द्विवेदी व प्रभंजन द्विवेदी हरा नीम का पेड़ काटकर उठा ले गए।मामले में तत्परता दिखाते हुए गांव के मुखिया प्रधान रमेश वर्मा ने लिखित शिकायत कूरेभार थाने व वन विभाग में किया।

मौके पर पेड़ कटान की जांच के लिए स्थानीय पुलिस व वन विभाग के जिम्मेदार भी पहुंचे।लेकिन हद तो तब हो गयी जब शिकायत के 24 घंटे बीतने को हैं और वन व पुलिस महकमें के किसी भी जिम्मेदार ने कोई भी एक्शन नही लिया है।जबकि छायादार नीम के पेड़ कटने की तस्वीरें कैमरे में कैद है।यही नही मौके पर औषधीय वृक्ष को धराशायी करने के साक्ष्य अभी भी मौजूद है।जड़े अभी भी गवाही दे रही है।

- ग्राम प्रधान ने जब वन संरक्षण के खिलाफ की शिकायत तो दबंग दे रहे धमकी, बना रहे दबाव –
जब ग्राम प्रधान रमेश वर्मा ने वन विभाग के जिम्मेदार व स्थानीय थाने कूरेभार को लिखित तहरीर दी तो दबंगो ने उल्टे ही कहना शुरू कर दिए प्रधान ने कटवा लिया। जबकि आरोपियों के खिलाफ शिकायत करने से पहले किसी ने प्रधान के खिलाफ कोई सूचना नही दिया है।मौके पर पुलिस व वन विभाग के कर्मी गए थे लेकिन कार्यवाही के बजाय लीपापोती में जुट गए है।फिलहाल काटा गया हरा नीम का पेड़ किसका है किस भूखंड में है यह अलग बात है।पेड़ काटा गया है इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।यही मंगलवार को एसओ कूरेभार,रेंजर,वन दरोगा व डीएफओ तक शिकायत की गई।इसके बाद भी वन महकमे के डीएफओ से लेकर वन कर्मी आरोपी की मदद में खड़े है।

- मेनका गांधी के सख्ती पर भारी अफसरों की तानाशाही
जिले की सांसद मेनका गांधी वन व जीव संरक्षण के लिए अनेकों कदम उठाती रही है लेकिन वन विभाग के जिम्मेदार कारनामा करने में बाज नही आते है।यही वजह है डीएफओ हो या रेंजर अथवा कर्मी सभी के संरक्षण में पर्यावरण संरक्षण यानी हरियाली पर आरा चल रहा है।जिम्मेदार पेड़ कटान पर अंकुश लगाने के बजाय धन उगाही कर मालामाल हो रहे है।इन्ही की आड़ में अवैध आरा मशीने भी फल फूल रही है।अंदर खाने की माने तो आरोपी अधिवक्ता होने का फायदा उठाते हुए इस वारदात से बचने के लिए पुलिस व वन महकमें पर दबाव बना रहा है।साथ ही शिकायतकर्ता के खिलाफ शातिर दिमाग का प्रयोग कर आन लाइन अफसरों व सीएम पोर्टल पर कंप्लेन कर खुद फंस गया है।फिलहाल आगे क्या होगा यह जांच का विषय है।