
- लखनऊ में ज्येष्ठ माह के मंगल पर हज़रतगंज में भंडारों की दिखी धूम
हनुमान जी हमारे प्रत्यक्ष देवताओं में हैं। नौ चिरंजीवी हैं उनमें हनुमान जी भी हैं। हनुमान जी स्वयं सबसे बड़े भक्त हैं और अपने भक्तों को भी भगवान मान उनकी हर मनौती पूरी करते हैं।
लखनऊ। ज्येष्ठ माह दूसरे बड़े मंगल पर जो उत्साह लखनऊ में दिखता है, वैसा नज़ारा देश में कहीं नजर नहीं आता है. मंदिरों में भीड़ तो सड़क और चौक चौराहों पर लगे भंडारे और भंडारों में प्रसाद के लिए उमड़ी भीड़. लखनऊ के चौक चौराहों पर आज बड़े मंगल के दिन चार हज़ार से अधिक भंडारों का आयोजन किया गया है, इन भंडारों में रिक्शे वाले से लेकर बीएमडब्ल्यू वाले लाइन में लगकर प्रसाद लेते हुए देखे जा सकते हैं.
बदलते समय के साथ भंडारों का ट्रेंड भी बदला है। पहले जहां भंडारे के प्रसाद के तौर पर गुड़धनिया, चना, बताशे, बेसन के लड्डू, बूंदी और शर्बत ही बंटता था। वहीं, धीरेधीरे भंडारे में पूड़ी और आलू की सब्जी भी बांटी जाने लगी। सब्जी का स्वाद ऐसा कि दूसरे दोने के लिए हाथ अपने आप बढ़े।
यही नही अब लखनऊ में स्थित कॉर्पोरेट कंपनियों के आफिस काम करने वाले कर्मचारी भी मिलकर भंडारे का आयोजन करने की शुरुआत कर चुके है।ज्येष्ठ माह के दूसरे बड़े मंगल पर हज़रतगंज में स्थित बैंक व वित्तीय सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के लोग भंडारे का आयोजन व प्रसाद वितरण करते नजर आए।शहर के हज़रतगंज, परिवर्तन चौक,त्रिवेणी नगर,अलीगंज समेत समूचे शहर में भंडारे की धूम दिखाई पड़ी।
माना जाता है कि ज्येष्ठ के इन पवित्र दिनों में राजधानी लखनऊ में कोई भी इंसान भूखा नहीं सोता है। वास्तव में यह पूरी तरीके से ज्येष्ठ माह में चरितार्थ होता दिखाई पड़ा.राजधानी लखनऊ के श्री प्लाजा अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के निकट शहीद पथ के किनारे रियल स्टेट कंपनियों के सीएमडी द्वारा भंडारे का आयोजन कराया गया