
- निर्धन पीड़िता का आपरेशन कर मर्ज के साथ ही बच गई जान।
- सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने दी इंसानियत की बड़ी मिसाल
सुल्तानपुर।जिले के सरकारी अस्पताल में ज्यादातर चिकित्सक व स्वास्थ कर्मी सेटिंग गेटिंग वाले प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों को भेज धुन उगाही में संलिप्त रहने की चर्चाएं आम है।दूसरी ओर यह भी कहते हैं डॉक्टर धरती पर भगवान का स्वरूप होता है। महिला चिकित्सक ने निर्धन महिला का आपरेशन कर अलग मिशाल कायम कर दी है।जिसकी सराहना चहुओर हो रही है।
ऐसा ही एक मामला राजकीय मेडिकल कालेज (Medical College sultanpur) के महिला अस्पताल में देखने को मिला है।यहां पर तैनात चिकित्सक डा.आस्था त्रिपाठी (Dr Astha Tripathi Gynecologist sultanpur)डॉ.निशिकांत गुप्ता और डॉ. बीबी शुक्ला की देखरेख में सफल आपरेशन किया गया।प्रसूता कंचन कोरी निवासी धौरहरा पोस्ट कोथरा खुर्द चाँदा की रहने वाली है।

काफी पहले से ही एनीमिया पेशेंट है जिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा होने पर आती है रास्ते मे ही उसका बहुत सारा खून बह चुका रहता है तथा ब्लीडिंग बन्द ही नही हो रही थी ओटी ड्यूटी पर तैनात डॉ.आस्था ने जब उसका चेकअप किया तो पाया कि सेंट्रल प्लेसेंटा प्रिविआ और प्लेसेंटा ऐकरिटा बच्चेदानी के अंदर की परत तक घुस चुकी थी जिसकी वजह से खून का बहना बंद ही नही हो रहा था बच्चेदानी निकालने की स्थिति आ गई थी परंतु अपनी सूझ बूझ और अनुभव के चलते डॉ. आस्था त्रिपाठी ने कुशल आपरेशन करते हुए जच्चा बच्चा दोनों की जिंदगी बचाते हुए दो जीवन को बचाया।
जिससे मरीज के परिजनों ने डॉक्टर और उनकी टीम को धन्यवाद अदा करते हुए जिला महिला अस्पताल के चिकित्सकों की प्रशंसा भी की। डॉ. आस्था त्रिपाठी के साथ आपरेशन करने में उनकी टीम में दोनों एनेस्थेटिक चिकित्सक भी उपस्थित रहे