- कैंप कर रहे सीओ,लूटकांड की छानबीन करने पहुंची एसटीएफ।
- यदि गनर का मिल जाय मोबाइल तो सकता है घटना का खुलासा
सुल्तानपुर। दो दिन पहले श्रमजीवी एक्सप्रेस में गाजीपुर के मोहम्मदाबाद सीट से विधायक मन्नू अंसारी के गनर को चाकू से हमला कर कार्रबाइन छीनने के मामले में जीआरपी इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है।घटना के समय से ही सीओ कैंप कर रहे है।राजकीय रेलवे पुलिस की नाकामी के बाद जांच अब एसटीएफ को सौप दी गयी है जिसके बाद से गुरुवार को एसटीएफ सुल्तानपुर जंक्शन पर घंटो जांच में जुटी रहे।
मामला 25 अक्टूबर को श्रमजीवी एक्सप्रेस दिल्ली जाते समय सुल्तानपुर स्टेशन पर घटना घटित हुई थी।सूत्रो की माने तो घटना के पीछे ट्रेन में सिगरेट पीने को रोकने को लेकर विवाद प्रथम दृष्टया सामने आ रहा है। विधायक के गनर और बदमाश के बीच वाद-विवाद हुआ जिस पर बदमाश ने सिपाही को चाकू मार दी। इसके बाद कार्बाइन और सिपाही का मोबाइल छीनते हुए बदमाश उसी ट्रेन में दूसरी बोगी में बैठ कर फरार हो गया। जिस स्थान पर घटना घटी कुछ कदम की दूरी पर जीआरपी और आरपीएफ का थाना भी है।

पूरे मामले में एडीजी रेलवे पीयूष आनंद ने एसपी जीआरपी पूजा यादव और एसपी सुल्तानपुर सोमेन वर्मा को पूरे मामले में पड़ताल कर कार्रवाई करने का जिम्मा सौंपा है।त्रिस्तरीय सुरक्षा होने के बावजूद इतनी बड़ी घटना होने के लिए जीआरपी थानाध्यक्ष शमीम अली सिद्दीकी को प्रथम दृष्टया जिम्मेदार मानते हुए जीआरपी एसपी पूजा यादव निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही एसपी पूजा ने बताया कि बदमाश का स्केच जारी किया गया है। इनाम भी घोषित है।पकड़ने के लिए अन्य टीमों की भी मदद ली जा रही है।जल्द मामले का खुलासा होने की उम्मीद है।
- घायल गनर के बयान के बाद ही खुलासे की उम्मीद,सस्पेंशन पर भी सवाल-

जीआरपी के सीनियर अफसर भले ही जीआरपी,लोकल पुलिस व एसओजी के साथ ही एसटीएफ की टीमें गठित की हो।सच तो यह है कि घटना के समय ट्रेन की घेराबंदी आरपीएफ व जीआरपी नही कर पाई।नियत समय पर ट्रेन चली गई। घटना के बाद से 48 घंटे बीतने को है घायल गनर राकेश चौधरी मेदांता में जिंदगी मौत से जूझ रहा है।अभी होश में नहीं है। घायल सिपाही के बयान के बाद ही महत्वपूर्ण सुराग मिल सकता है।वैसे भी स्टेशन पर लगा सीसीटीवी भी शोपीस है।अलग अलग प्लेटफार्मो पर लगे नही हैं।
यही बड़ी वजह है जिससे अफसर व गठित टीम खुलासे से कोसो दूर है।जीआरपी एसओ के बारे में पता चला है कि एसपी से अनुमति लेकर एक विवेचना में घटना के समय वाराणसी में थे।दिवस अधिकारी के रूप में दरोगा जैद सिद्दीकी तैनात थे। वे भी अपने आवास पर मौजूद रहे।खैर निलंबन को लेकर चर्चाएं आम है।