Wednesday, June 18, 2025
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शरीर मे असामान्य कोशिकाओं का बढ़ना ही लेता है कैंसर का रूप- डॉ बालमुकुंद

  • अभी तक भारत के कैंसर के तीन इलाज कीमोथेरैपी, रेडिएशन या सर्जरी

सुल्तानपुर। कैंसर की कोशिकाओं की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन के लिए शरीर की अपनी इम्यून या प्रतिरक्षा प्रणाली का इस्तेमाल करती है।अभी तक भारत मे मरीज के लिए केवल तीन विकल्प थे- कीमोथेरैपी, रेडिएशन या सर्जरी. ये कारगर न हुए तो कोई और विकल्प नहीं था – कैंसर आपकी मौत का परवाना था. ” वहीं अमेरिका, चीन, इज्राएल और यूरोप में इम्यूनोथेरैपी के रोमांचक परीक्षण उसे कैंसर के इलाज की संभावना से भरपूर टेक्नोलॉजी के तौर पर स्थापित कर रहे है. जबकि भारत में इलाज की ज्यादा जरूरत है क्योंकि देश में कैंसर के मामले भारत मे ज्यादा है।

कैंसर रोधी चिकित्सा विज्ञान के प्रति जागरुक करने के लिए सुल्तानपुर जिले में चिकित्सकों ने कार्यक्रम का आयोजन किया।इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के तत्वाधान में ब्लड कैंसर जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष डीएम रवीश गुप्ता ने किया ।

शिविर में बतौर मुख्य अतिथि कोऑर्डिनेटर क्वालिटी एंड रेगुलेटरी मैनेजमेंट एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर इंस्टिट्यूट न्यूस्टन टेक्स्ट ऑफ यूएसए के प्रोफेसर डॉक्टर बालमुकुंद मिश्रा ने कहा कि यह मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं अपनी जन्मभूमि के लिए कुछ करूं कैंसर आज हमारे समाज में जंगल मे आग की तरह फैल रहा है ,हर तीसरा आदमी कैंसर से पीड़ित है मेरा दायित्व है कि समाज में कैंसर के बचाव के लिए जागरूक करना है। कैंसर असामान्य कोशिकाओं का विकास है।हमारे शरीर में कैंसर सेल हमेशा मौजूद रहते हैं। कैंसर एटीजीसी ,एडमिन ,यामीन, ग्रामीन साइटों सीन यह चार कारक है इनमें से कोई एक विपरीत दिशा में जाता है तभी कैंसर उत्पन्न होता है । एक कोड के बदलने पर कैंसर की शुरुआत हो जाती है या यूं कहें कि कैंसर परिवार से आता है। केमिकल मेटासिस से मोबाइल के रेडिएशन से भी कैंसर हो रहा है संसार में अग्नाशय और ब्रेन कैंसर का इलाज नहीं है ऐसी भी कैंसर का बहुत बड़ा कारण है कार्सिनोमा सर कोमा में लेनोवो लाइपोमा 4 तरह के कैंसर के रोग हैं जो हमारे शरीर के विभिन्न अंग ग्रंथियों ऊतकों रंग देने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करके कैंसर उत्पन्न करते हैं अष्टक स्तन कैंसर महिलाओं में ही नहीं होता है। यह पुरुषों में भी अब हो रहा है कैंसर से बचने के लिए धूम्रपान तंबाकू का सेवन न लें।कैंसर के बचाव के लिए प्रतिदिन व्यायाम करें योग करें।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉ विभोर महेंद्रु ने कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में लोगों को परिचित कराया। अतिथि के रुप में डॉक्टर हिमा बिंदु नायक महासचिव रेड क्रॉस सोसाइटी लखनऊ एवं अतिथि के रुप में डॉक्टर साजिद अंसारी एमडी मेडिसिन मौजूद रहे। सहारा हॉस्पिटल के सर्जन डॉक्टर विजय पाण्डेय ने आए हुए सभी लोगों को कैंसर के लक्षण के और इलाज के बारे में विस्तार से चर्चा की।कार्यक्रम का आयोजन डॉ डी एस मिश्र रेड क्रॉस सोसायटी के चेयरमैन के संयोजन में पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

जागरूकता कार्यक्रम में डॉ रमेश ओझा डॉ,एसके गोयल सीएमएस,डॉ एससी कौशल,डॉ कमल नयन पाण्डेय, रवि त्रिपाठी,डॉ संजय मिश्रा,डॉ आनंद सिंह,डॉ राजीव सिंह,राजू श्रीवास्तव डॉक्टर वर्मा को सुश्रुत व चरक सम्मान से सम्मानित किया।कार्यक्रम का सफल संचालन आयुष चतुर्वेदी ने किया गया ।सोसायटी के चेयरमेन डॉ डी एस मिश्रा ने कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सीडीओ अंकुर कौशिक,डीआईओएससतेंद्र कुमार सिंह,एसडीएम वन्दना पाण्डेय,डॉ ए के सिंह,डॉ रमाशंकर त्रिपाठी,वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ सीताशरण त्रिपाठी भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ आ ए वर्मा ,सचिव रेड क्रॉस सोसाइटी जयप्रकाश शुक्ला उपस्थित रहे।

कैंसर क्या हैं और वे क्यों होते हैं?

नाइआइटी बॉम्बे से जुड़ पुनोइंजीनियरिंग की एक अगले 3-4 साल देश की -सेल थेरैपी, सीडी-19 क उपचार है जिसमें कैंसर ला करने के लिए इनसान नया प्रतिरक्षा कोशिकाएं) -19 सीएआर-टी को दो चत रक्त कैंसरों के इलाज सरे चरण के परीक्षणों की बाल की शुरुआत में भारत या जाए, पुरवार कहते हैं, रोमांचक समय है. ” वे कंपनी स्वीकृति मिलते न खर्च पर भारत में मुहैया बहुत ज्यादा है और नतीजे रुपए के मुकाबले हम प्रति रहे हैं.”

इससे उन लोगों जंदगी का अंत समझते थे. त और असामान्य ढंग से ष्ट कर देती हैं, और अंततः काओं के भीतर अंदरूनी कितनी और कितनी बार र संकेत उत्पन्न करती हैं. तो कोशिकाएं अनियंत्रित पर होता है. कैंसर में शरीर और दूर नहीं कर पाता जैसे का पता लगा सकता है।रेडिएशन (विकिरण) या ना) के भरोसे है, जिसमें नार देते हैं, या सर्जरी के मगर हीमैटोलॉजिकल या नत अवस्था में इन इलाजों है. ल

“अभी तक कैंसर के इलाज के सिर्फ तीन विकल्प थेः सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन. अगर ये कारगर नहीं हुए तो आपके पास कोई विकल्प नहीं थाः कैंसर आपकी मौत का परवाना था. “–शरीर में कैंसर कोशिकाएं जेनेटिक परिवर्तन की वजह से पैदा होती हैं. आम तौर पर कोशिकाओं से संकेत निकलते हैं कि उनका विभाजन कितना और कब-कब होगा. अगर इनमें कोई संकेत गलत हो जाएं तो कोशिकाएं बेरोकटोक बढ़ना शुरू कर देती हैं और आखिरकार लंप या ट्यूमर उभर आता है. शरीर आक्रांता वायरस या बैक्टीरिया की तरह कैंसर कोशिकाओं को दूर नहीं कर पाता।कुछ कैंसरों की वजह का पहले ही पता चल गया है. मसलन, सर्विकल या सीवा कैंसर ह्यूमन पैपिलोमवायरस संक्रमण की वजह से होता है. लेकिन दूसरे ज्यादा कैंसर के मामले में, कोशिका में जेनेटिक परिवर्तन की ठीक ठीक वजह अनजानी है।