
देश प्रदेश के शिक्षाविदो ने “उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता:उभरती चिंताएं और आगे की राह”विषय पर डाला प्रकाश
अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले दिन राज्य मंत्री,उच्च शिक्षा रजनी तिवारी ने की शिरकत
सुल्तानपुर। जिले के गनपत सहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी ने शिक्षा क्षेत्र में एक नया आयाम रच दिया है। कॉलेज के संस्थापक युगपुरुष बाबू गनपत सहाय की जयन्ती के अवसर पर देश दुनिया के शिक्षाविदो की गरिमामयी उपस्थिति में संगोष्ठी कला सफल आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह, विशिष्ट अतिथि एसपी सोमेन वर्मा एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रबन्ध समिति के सदस्य आशीष पाण्डेय ‘सनी‘ ने माँ सरस्वती एवं महाविद्यालय के संस्थापक बाबू गनपत सहाय के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर समारोह का शुभारम्भ किया।

छात्र राष्ट्र निर्माता हैं-एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह
एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने बाबू गनपत सहाय के जीवन एवं कार्यवृत्तियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके जीवन का हर पहलू हम सबके लिए अनुकरणीय एवं प्रेरणाप्रद है। छात्र राष्ट्र निर्माता हैं,परन्तु इसके लिए आप में अच्छी शिक्षा एवं संस्कार आवश्यक है।ऐसे में महापुरुष की जयन्ती समारोह पर वृहद सेमिनार के आयोजन महाविद्यालय परिवार बधाई का पात्र है। विशिष्ट अतिथि एसपी सोमेन बर्मा ने कहा कि आपकी शिक्षा का महत्व तभी है,जब आप लगन, धैर्य और अनुशासन से अपने कार्यों का संपादन करेंगे, जिससे समाज और राष्ट्र का उन्नयन हो।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ओर ले जाने के लिए महाविद्यालय प्रतिबद्ध- आशीष पाण्डेय ‘सनी‘
प्रबन्ध समिति सदस्य आशीष पाण्डेय ‘सनी‘ ने बाबू गनपत सहाय को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि शासन द्वारा लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 छात्र/छात्राओं के लिए हितकर और समयानुकूल है,जो सेमिनार के चिन्तनीय विषय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई देती है। कार्यक्रम में मौजूद जर्नलिस्ट मनोहर मनोज ने कहा कि ऐसा कार्यक्रम सुदूर क्षेत्रों में बौद्धिक जागरूकता उत्पन्न करने का एक जरिया है। उम्मीद है कि आने वाले समय में यह महाविद्यालय बौद्धिक चेतना की मशाल लिए राष्ट्रफलक पर प्रतिष्ठित होगा। प्रो.मिर्जा शहाब शाह ने नैतिकता को शिक्षा के लिए अनिवार्य बताया।उन्होंने कहा कि यदि तहजीब नहीं,तो इल्म अपना असर नहीं दिखा पायेगा।इस तहजीब के लिए प्रथम प्राठशाला माँ का आगोश है,और दूसरा शिक्षक है, जो हममें तहजीब की तरबियत करता है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चरित्र, निष्ठा और ईमानदारी बहुत आवश्यक है,जो बच्चों को सीखना चाहिए।संदीप शुक्ला, प्रो.प्रभा गुप्ता,प्रो.दुष्यन्त कुमार प्राचार्य पीलीभीत , प्रो.दिनेश कुमार,प्रो.नीरज शुक्ला इत्यादि विचारकों ने बाबू गनपत सहाय की जयन्ती एवं सेमिनार पर विचार प्रस्तुत किये।

कम समय में आयोजन अभूतपूर्व-प्रोफेसर अंग्रेज सिंह
महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रोफेसर अंग्रेज सिंह “राणा” ने इतने बड़े सफल आयोजन हेतु महाविद्यालय के कर्मठ प्रबन्धक डॉ.ओम प्रकाश पाण्डेय ‘बजरंगी एवं प्रबन्ध समिति केसदस्य आशीष पाण्डेय ‘सनी‘ के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इतने बडे़ आयोजन का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन आपके नेतृत्व एवं सहयोग के बिना सम्भव नही था। समय-समय पर आपका मार्गदर्शन मिलता रहा।इतने कम समय में इतने बडे़ आयोजन के लिए आपका सहयोग अभूतपूर्व रहा।प्राचार्य जी ने समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों,महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शिक्षणेत्तर कार्मिकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन सेमिनार के आयोजन सचिव प्रो.मो.शमीम ने किया।
समारोह में मुख्य रूप से प्रो. जे.एन.मिश्र, प्रो. अरविंद चतुर्वेदी,प्रो.मो. शाहिद ,प्रो.शक्ति सिंह,प्रो.मनोज मिश्र,प्रो.समीर सिन्हा,प्रो.नीलम तिवारी, प्रो.गीता त्रिपाठी,समन्वयक डॉ.एस.पी.मिश्र, उप-समन्वयक डॉ.दिनेश चन्द्र द्विवेदी,उपसचिव डॉ.विष्णु शंकर अग्रहरि,डॉ.अनुज कुमार पटेल,डॉ.सन्ध्या श्रीवास्तव,डॉ.अभिषेक कुमार,डॉ.रविशंकर शुक्ला, डॉ.कुँवर दिनकर प्रताप सिंह, डॉ.देवेन्द्र नाथ मिश्र,राजकुमार पाण्डेय,आशुतोष श्रीवास्तव,नन्दलाल विश्वकर्मा सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण एवं कर्मचारीगण ने कार्यक्रम में उपस्थित रहकर विशेष योगदान दिया।