Monday, April 28, 2025
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काव्य गोष्ठी कार्यक्रम में लगा गाँव देहात के कवियों का जमघट,किसी ने दिल की आपबीती सुनाई,तो किसी ने राष्ट्र भावना को जगाया…

  • भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के मण्डल अध्यक्ष अनुराग द्विवेदी बतौर मुख्य अतिथि रहे मौजूद
  • पूर्व विधायक अनूप संडा ने भी किया कार्यक्रम में शिरकत

सुल्तानपुर।गांव कस्बों से ही प्रतिभा निकलती है। गांव के बच्चों में प्रतिभा का भंडार होता है, पर उन्हें समय पर शिक्षा ग्रहण करने का संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाता। जिससे प्रतिभावान रहने के बाद भी वे लक्ष्य से पीछे रह जाते हैं।इन्ही तरह के प्रतिभाओं को निखारने के लिए गांव देहात ग्रुप अलग अलग तरह के आयोजन के माध्यम से गांव की प्रतिभा को सामने लाने में जुटा है।राणा प्रताप पीजी कॉलेज व राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा क्षत्रिय भवन सभागार में लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी के तीसरे दिन गांव देहात समूह ने युवा काव्य गोष्टी का आयोजन कराया।

  • आज के दौर में कविताएं हमें दिखाती है नई रोशनी -मण्डल अध्यक्ष

युवा काव्य गोष्ठी के मुख्यअतिथि वरिष्ठ पत्रकार अनुराग द्विवेदी ने कहा कि “आज के दौर में कविताएं हमें नई रोशनी दिखाती हैं, युवा पत्रकार अंजनी तिवारी का साहित्य को लेकर रुचि यह दर्शाती है कि हमारी युवा पीढ़ी किताबों की ओर लौट रही है उसे डिजिटलीकरण के दौर में किताबों से जुडे़ रहना होगा।”पुस्तक प्रदर्शनी में आए पूर्व विधायक अनूप संडा ने कहा “जिस कविता में लय और विचार हो वही कविता सबके दिल को छूती है,जब हमारी जड़ें बचेंगीं तभी हम बचेंगे।”

  • इन्होंने काव्य गोष्ठी कार्यक्रम को बनाया सफल

युवा काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता हिन्दी विभागाध्यक्ष इंद्रमणि कुमार ,संचालन गांव देहात समूह के संस्थापक अंजनी तिवारी ने किया।आभार ज्ञापित करते हुए राजकमल प्रकाशन समूह के अंजनी कुमार मिश्र ने कहा कि ” गांव देहात ग्रुप की ओर से युवाओं को मंच देते हुए युवा काव्य गोष्ठी के रूप में शुरू हुई ये मुहिम ऐसे ही आगे बढ़ती रहेगी।”

  • इन युवा कवि व कवियत्रियों ने काव्य गोष्ठी में बांधा शमा

कवियत्री डॉ.बबिता सिंह ने अपनी पंक्ति ..किस मां का दूध पिया तुमने,छुप कर प्रहार जो करते हो ।हम तुम्हें खदेडेंगे ऐसा, घुस कर बीजिंग में मारेंगे’ सुनकर युवा राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो उठे।इसके साथ ही युवा कवि अप्रतिम चतुर्वेदी ने कहा वर्षों से सोया नहीं हूं मैं ,कितने दिन बीत गये तुम्हें भूला नहीं हूं मैं ।युवा कवि डॉ.अरुण निषाद ने कहा कि’उतरती गई दिल में वो धीरे धीरे ,चुरा ले गई गई दिल मेरा धीरे धीरे । नहीं उसके बिन दिल है लगता कहीं पर ,बढ़ी बेकरारी अब धीरे धीरे ।अजय कुमार जायसवाल अनहद ने सुनाया -दिल में इतनी तल्खियां होने लगीं ,किसने घोला जहर इस तालाब में ,रेत में आ मछलियां रोने लगीं।गौरव त्रिपाठी ने कहा मन उदासी में हो जब नया कीजिए, दर्द जो भी हो उसकी दवा कीजिए।बीएचयू के छात्र अवनीश शुक्ल ने कहा मेरी कविताएं आरक्षित हैं कुछ और लिखने के लिए ,मैं तुम्हें अपनी कविताओं में नहीं लिख पाऊंगा ।

डॉ.आभा सिंह की पंक्तियां थीं “अग्नि परीक्षा भी दे डाला तब भी जग ने सती न माना ,अवध में हुआ बड़ा अपमान।”शिवम शुक्ल ने कहा “मैंने सबके लिये घोंसले बनाये थे , दोस्त मेरे सब बाज हो गये”। मर्चेंट नेवी के कैप्टन रीतेश पाण्डेय ने कहा “जेबें हैं खाली फिर भी दिल से हंसते हैं हम मेरी खाली जेबों में बहुत से ख्वाब हैं।”वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.धर्मपाल सिंह ने अपनी कविता सुनाते हुए कहा “शैतान कंदराओं में नहीं रहता वह तो आज के भक्तों में नेताओं में सशरीर विद्यमान है।”
काव्य गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि प्रो. पवन कुमार रावत की पंक्तियां थीं “मैं जीतना चाहता हूं कोई दुख नहीं सिर्फ तुम्हारे मन का एक कोना।”कवि ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने सुनाया – जमाने ने जबसे बदली है पश्चिमी करवट,सोने का ये वतन भी कर्जदार हो गया। दुनिया के सबसे बड़े इस लोकतंत्र में, सत्य अहिंसा प्रेम कहना पाप हो गया ।काव्य गोष्ठी में गरिमा चौरसिया, लोकेश श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह ,आशुतोष चौधरी,मयंक द्विवेदी आदि ने अपनी कविताएं सुनाईं।

इस दौरान अनुज तिवारी पत्रकार, अभिनव पाठक, अनुराग पांडेय, जया सिंह, दिशा,उज्ज्वल तिवारी,पत्रकार विकास राव,नीरज सिंह शिक्षक,निशांत द्विवेदी,कुलदीप शर्मा,ज्ञानेंद्र सिंह,उत्कर्ष पांडेय,अमित सिंह,आदर्श सिंह,अवंतिका,त्रिपदा त्रिपाठी,अरुण सिंह,पत्रकार शिवम सिंह गोलू,राजा शेख,पंकज चौरसिया,राजेश सिंह आदि युवा काव्य प्रेमी व श्रोता उपस्थित रहे।