
- एसपी साहब ऐसे नाकाम थानेदारों पर कब गिरेगी गाज
- मृतक के नाम दर्ज हुई एफआईआर, दोस्तपुर पुलिस का उजागर हुआ पुलिसिया कारनामा
दोस्तपुर,सुल्तानपुर।जिले में थानेदारी मिलते ही थानेदारों का अलग ही राज चलता है।ऐसा ही एक।मामला जिले के दोस्तपुर से सामने आया है।जिस मामले ने तो पूरे यूपी पुलिस सवालिया निशान उठाने पर मजबूर कर दिया है।जहा एक ओर मित्र पुलिस 24 घण्टे सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही है वही सुल्तानपुर के थानेदार लक्ष्मी कांत मिश्र तो पुलिस की छवि को पानी मे डुबो रहे है।मुम्बई में जिस व्यक्ति की मौत हो चुकी हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृतक प्रमाण पत्र जिसका जारी हो चुका है। दोस्तपुर पुलिस की एफआईआर में वह व्यक्ति मारपीट और ईंट-पत्थर चलाने का मुलजिम है। इस तरह की पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठना भी लाजिम है। मामले के खुलासे के बाद पुलिस अफसर शर्मसार हुए हैं।
पूरा मामला दोस्तपुर दोस्तपुर थाना क्षेत्र के धनाऊपुर गांव का है।पांच फरवरी को गांव निवासी जगदीश प्रसाद का अपने पड़ोसी पवन कुमार सुत हरीराम से झगड़ा हो गया। जिसको लेकर जगदीश ने पड़ोसी पवन, हरीराम सुत राजमनी सहित आधे दर्जन से अधिक लोगो पर आरोप लगाया कि जमीन की पुरानी रंजिश के चलते इन सभी लोगो ने अपने छत से ईंट -पत्थरो से उनके घर पर हमला किया। जिससे जगदीश प्रसाद, उसका भतीजा दीपक सुत नरेंद्र प्रसाद, बहू कांति देवी पत्नी नरेंद्र प्रसाद को काफी चोटे आयी हैं। जगदीश प्रसाद ने इन दबंगो के खिलाफ तहरीर दोस्तपुर थाने में दी।


- 30 अक्टूबर 2022 को हुई युवक की मौत औऱ 5 फरवरी 2023 को दर्ज किया मुकदमा
जिस पर पुलिस ने पवन कुमार, हरिराम, आकाश, सूरज, दीक्षा, फूलकली व सतीश उर्फ केलू के नाम मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने सातवें नंबर पर जिस सतीश का नाम एफआईआर में लिखा है उसकी 30 अक्टूबर 2022 को मुंबई में मौत हुई है। जिसका वहां पोस्टमार्टम हुआ और मृतक प्रमाण पत्र जारी हुआ। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि हर मामले में जांच कर कार्रवाई करने वाली पुलिस यहां बिना जांच के कैसे केस दर्ज कर गई? वही एसओ लक्ष्मीकांत मिश्रा का कहना है कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान मृतक का नाम निकाल दिया जायेगा। पूरे मामले में जांच पड़ताल सुनिश्चित की जा रही है।