
- भाजपा विधायक के खासम खास होने के कारण ही दोस्तपुर में नही निकली भाजपा की सीट
- सपा प्रत्याशी को भाजपा से कुछ पदाधिकारी की बगावत ने जिताया
- भाजपा विधायक से नाराजगी से ही अध्यक्ष व एक सदस्य को नही मिल सकी जीत
सुल्तानपुर।भाजपा विधायक कादीपुर की लामबंदी भले ही दोस्तपुर के भाजपा प्रत्याशी के लिए रही हो।लेकिन कोई भी क्षेत्र में जनाधार न होने के कारण ही भाजपा प्रत्याशी सोनी गौतम को हार का सामना करना पड़ा।यही नहीं इन्ही की निकटता की वजह से दोस्तपुर के व्यवसाई व भाजपा नेता अजय सोनी सभासद तक नही बन पाए।
- खाटी भाजपाईयो को बाहर करना भाजपा को पड़ा महंगा
देखा जाय तो दोस्तपुर में जब अध्यक्ष के लिए भाजपा से टिकट की बारी आई तो लंबी सूची भले ही हाई कमान तक गई हो।वहां भी अपने विधायकी का दुरुपयोग कर खाटी भाजपाई रही भानमती को टिकट से वंचित कर दिया गया।जिसका नतीजा यह रहा कि भाजपा के मंडल अध्यक्ष रहे संजय कसौधन व भाजपा नेत्री भानुमती गौतम ने भाजपा छोड़ दिया।भानमती खुद चुनाव मैदान में कूद पड़ी।यही विरोध अंदर अंदर भीतर घात कर गया।चुनाव में भाजपाइयों की संख्या कम हो गई।उधर विधायक राजेश गौतम भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए एड़ी चोटी की ताकत लगा दी।बाहर से करौदी कला ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सर्वेश मिश्र समेत कई करीबियो को लगाया फिर भी मुंह की खानी पड़ी।
हद तो तब हो गई जब एक सभासद सीट पर अजय सोनी को हार का सामना करना पड़ा।वहां पर वार्ड 08 से इमरान राइन 202 वोट पाकर सभासद बन गया।ऐसे में वहां के वोटर व आम जनता में चर्चा है कि यदि भाजपा विधायक राजेश गौतम mla rajesh gautam खुलकर बैटिंग न किए होते तो अध्यक्ष व सभासद दोनो जीत गए होते।फिलहाल विधायक जी को दोबारा जीतने अहम ले डूबा है।इनको शायद ये नही पता कि विधायकी चुनाव में उन्हे नही योगी मोदी को वोटिंग की गई थी।जब विकास नहीं होगा तो विरोध का खामियाजा भुगतना तय है।वह चाहे जो हो।