
- नगर पालिका की कैबिनेट मजबूत करने के लिए निर्दल सभासदो को भाजपा में शामिल करने की कवायद शुरू
- लोकसभा चुनाव का सेमी फाइनल मानने वाले जिले के भाजपाई के सामने नहीं है कोई ज़बाब।
- नगर पालिकाध्यक्ष प्रवीन का अधूरा है कैबिनेट, गुणा गणित शुरू।
- नगर पालिका के सभी 25 वार्डो में नही है बनी भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार
सुल्तानपुर।इस जिले की पांचों सीटों पर भाजपा का अध्यक्ष हो इसका संकल्प सीएम के सामने मंच से लिया गया था।फिलहाल रिजल्ट आने पर पानी फिर गया।जहां पर एक सीट निष्पक्ष काउंटिंग में भाजपा की झोली में गई है।वही कादीपुर की सीट पर जबरन कब्जा होना माना जा रहा है।फिलहाल नगरपालिका के 25वार्डो में 11सीट पर भाजपा के सभासद बने है।जिनके सहारे कैबिनेट चलाना,बजट समेत अन्य बैठकों में अंतिम रूप देने के लिए बहुमत नहीं है।ऐसे में दर्जन भर निर्दल सभा सदो पर करीबियों के जरिए डोरा डालना शुरू हो गया है।
जिले के चाहे दिग्गज नेता हो, जिलाध्यक्ष, सांसद या चारो विधायक।इनके प्रचार प्रसार का असर नाम मात्र रहा है।दो सीट भाजपा के खाते में जाना स्पष्ट प्रदर्शित करता है कि भाजपा जनाधार कम हो रहा है। यदि हम नगरपालिका की बात करे तो 25वार्ड में से 11सीट पर भाजपा के सभासद बने है।वही 11सभासद निर्दल घोषित है।इनमे आधा दर्जन सभासद ऐसे है जिन्हे भाजपा ने अनुशासन हीनता में इसलिए निकाल दिया था जो चुनाव मैदान में कूद पड़े थे।अब इन्ही सभासद के सहारे कैबिनेट चलाने के लिए जरूरत पड़ेगी।देखा जाय तो कैबिनेट में मंजूरी के लिए 25 में से 16 सदस्यो की जरूरत होगी।
पता चला है कि इन सभासदो को शामिल करने की कवायद शुरू हो गई हैं।दूसरे यह भी है कि क्षेत्र व मोहल्ले के चहुंमुखी विकास भी तभी संभव है जब एक जुट रहे।कई सभासद तो जीतते ही भाजपा के कद्दावर नेता व एक जनप्रति निधि से मिलने गए थे।इसके इतर भाजपा की लापरवाही के चलते ही तीन सीट भाजपा के बजाय अन्य खाते में चली गई।