Sunday, April 20, 2025
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आदर्श शिक्षक, उत्कृष्ट कवि और बेहतर मनुष्य के प्रतिविम्ब थे कवि जगपति सिंह…

  • पुण्यतिथि पर याद आए कवि जगपति सिंह
  • जनपद के साहित्यकारों ने किया नमन

सुल्तानपुर।स्मृति शेष कवि जगपति सिंह की 12 वीं पुण्यतिथि पर एक साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन पं० रामनरेश त्रिपाठी स्मृति सेवा संस्थान के बैनर तले जयंत त्रिपाठी के रूद्रनगर स्थित आवास पर किया गया ।

जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार कमलनयन पांडेय ने किया और वरिष्ठ कवि डॉ डीएम मिश्र मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम दो सत्रों में बंटा हुआ था । प्रथम सत्र में उनके व्यक्तित्व व कृतित्व प्रकाश डाला गया और दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी हुई।कार्यक्रम के प्रारंभ में अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित करके उनके चित्र पर माल्यार्पण किया।

तदुपरांत अभिदेशक पत्रिका के संपादक डॉ ओंकार नाथ द्विवेदी ने संचालन करते हुए जगपति सिंह से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाए। साहित्यकार उत्कर्ष सिंह ने कहा जगपति सिंह छायावाद और प्रगतिवाद के कवि थे और वही उनकी सीमा भी थी। स्वानुभूति उनकी कविता की अंतरात्मा थी ।डॉ सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु ने कहा जयशंकर प्रसाद के बाद जो सौन्दर्य जगपति सिंह की कविताओं में है वह अन्यत्र दुर्लभ है। डॉ रामप्यारे प्रजापति ने उनके व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि वह स्वाभिमान के लेखक थे। मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने उन पर केन्द्रित कविता सुनाई

जयंत त्रिपाठी ने बताया कि उनका कुछ साहित्य प्रकाशित कराया गया है और शेष पर काम चल रहा है।मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कवि डॉ डीएम ने कहा कि हम उन्हें एक आदर्श शिक्षक, उत्कृष्ट कवि और बेहतर मनुष्य के रूप में याद करते हैं । उनका सृजन अपने समय की संवेदना की अभिव्यक्ति है। संक्षेप में कहें तो जगपति सिंह का काव्य अत्यंत कलात्मक है। शिक्षण और काव्य दोनों जगह वह अनुशासन प्रिय थे। अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार कमलनयन पांडेय ने कहा कि उनका सृजन मनुष्यता को बचाने का एक बेहतर उपक्रम है। वह गद्य और पद्य दोनों पर समान अधिकार रखते थे। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि उनका अप्रकाशित साहित्य भी पुस्तक के रूप में आना चाहिए, वही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। दूसरे सत्र में डी एम मिश्र, ओंकार नाथ द्विवेदी, सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु, मथुरा प्रसाद सिंह जटायु, मन्नान सुल्तानपुरी, इकबाल भारती, दयाराम अटल, जयंत त्रिपाठी, योगेन्द्र प्रताप शाही ने काव्य पाठ किया। आगंतुकों के प्रति आभार संदीप सिंह ने व्यक्त किया।