Tuesday, June 3, 2025
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स्वास्थ मंत्री जी !एक्शन लीजिये-अब सुल्तानपुर मेडिकल कालेज के डॉक्टर इलाज के बजाय कर रहे गुंडागर्दी…

सुल्तानपुर।अब मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर व स्टाफ इलाज करने के बजाय गुंडागर्दी पर उतारू हैं।प्रसूता को अपशब्द से नवाजते हुए जमीन पर फेंक दिया गया है।उसके पति को जमकर पिटाई की जा रही हैं। जिसकी पुष्टि महिला अस्पताल का वायरल वीडियो कर रहा है।फिलहाल इस घटना से योगी सरकार की बेहतर चिकित्सा सुविधा पर करारा तमाचा हैं। वाकया बुधवार का है।जहां पर बेहतर इलाज की खातिर जूनियर डॉक्टर से तीमारदार पति ने सिफारिश की तो तैनात जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।तब फिर क्या था मामूली कहासुनी शुरू हुई। मेडिकल स्टॉफ ने प्रसूता व तीमारदारों की जमकर पिटाई कर दी। प्रसूता को फर्श पर घसीटा और लात-घूंसों से मारापीटा गया। मारपीट में जूनियर डॉक्टर व स्टाफ भी शामिल हो गए। करीब आधे घंटे बवाल के बाद मामला शांत कराते हुए इलाज से इंकार करते हुए प्रसूता व तीमारदारों को अस्पताल से बाहर कर दिया।अभी भी हालत गम्भीर बनी हुई है। तीमारदार पति एसपी से मुलाकात करने पहुंचा तभी प्रसूता की हालत बिगड़ गई, उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है।

क्या था मामला-

प्रसूता कोतवाली नगर के करौंदिया निवासी बब्लू की पत्नी अमृता है।उसे प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार सुबह करीब 3:00 बजे महिला अस्पताल में भर्ती कराया। बब्लू ने बताया कि दो-दो अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में जच्चा-बच्चा की स्थिति नार्मल थी।प्रसव पीड़ा होने के बाद भी डिलीवरी नहीं हुई तो तीमारदारों ने ऑपरेशन के लिए कहा।इलाज कर रही चिकित्सक डॉ. कुसुमलता ने मना कर दिया। मंगलवार शाम 7:14 बजे उसे लेबर रूम ले जाया गया।आरोप है कि डॉक्टर ने गलत तरीके से प्रसव कराया। अमृता को मृत बच्चा हुआ,लेकिन दर्द कम नहीं हुआ। उसे पीएनसी वार्ड में भर्ती कर दिया गया। उसे लगातार दर्द हो रहा था,इंजेक्शन लगाकर स्टाफ चला जा रहा था। बुधवार दोपहर में दर्द के कारण अमृता बेहोश हो गई तो डॉक्टर को बुलाया गया,लेकिन कोई देखने नहीं आया। पति ने वहां मौजूद एक जूनियर रेजीडेंट चिकित्सक से देखने का अनुरोध किया तो मामला बिगड़ गया और बहस होने लगी।प्रसूता अमृता ने बताया कि मौजूद जेआर चिकित्सक ने फोन कर कुछ मेडिकल स्टाफ को बुलाया। स्टाफ ने उसे पीटते हुए फर्श पर ढकेल दिया। गालियां दी और फर्श पर घसीटना शुरू कर दिया। बचाने आए तीमारदारों की पिटाई कर दी। भर्ती अन्य मरीजाें के तीमारदारों ने बीच-बचाव किया तो उनसे भी मारपीट की। एक तीमारदार ने बताया कि उन्हें भी बीच-बचाव में चोटें आई हैं, बाद में धमकी देकर हटा दिया। घटना से वहां भर्ती महिला मरीज और तीमारदार सहम गए। बवाल के बीच किसी ने सूचना कोतवाली नगर पुलिस को दी। पुलिस के साथ ही सीएमएस महिला डॉ. आरके यादव, डॉ. पवन सिंह समेत अन्य सीनियर डॉक्टर पहुंचे तो मामला शांत हुआ और मेडिकल स्टाफ तितर-बितर हुआ,मारपीट के बाद प्रसूता को धमकी देते हुए दूसरी जगह इलाज कराने के लिए कह दिया गया। इसके बाद डरे तीमारदारों ने प्रसूता को व्हील चेयर पर बैठाकर तीसरे तल से नीचे आए और ई रिक्शा कर दूसरे अस्पताल ले गए।
वही मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ.आरके यादव ने बताया कि मारपीट की घटना हुई है। नवजात की मौत के बाद से ही तीमारदार नाराज थे। शुरुआत तीमारदारों ने की, जिसके बाद यह घटना हुई। फर्श पर घसीटने और अस्पताल से भगाने का आरोप निराधार है। फिलहाल घटना की पोल खोलने के लिए वायरल वीडियो ही काफी है।देखना यह होगा कि मेडिकल कालेज के जिम्मेदार ऐसे मनबढ़ डॉक्टर व स्टाफ के खिलाफ एक्शन लेते है या क्लीनचिट देते हैं।फिलहाल तीमारदार व प्रसूता ने स्वास्थ्य मंत्री,सीएम व डीएम- एसपी से शिकायत कर रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कार्यवाही की मांग किया है।