
जिला पंचायत सदस्य ने गांव में रखी प्राचीन पत्थर की मूर्तियों की जांच व संग्रहित करने को लेकर जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों की आस्था से जुड़ा है मामला…
जयसिंहपुर सुलतानपुर। ।(दुर्गा प्रसाद,संवाददाता) तहसील क्षेत्र के एक गांव में रखी पत्थरों की खंडित मूर्तियों और शिव लिंग की पुरातत्व विभाग से जांच करवाकर उसे संग्रहित करने के लिये जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि ने जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी जयसिंहपुर को ज्ञापन सौंपा। जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि ने ग्रामीणों की आस्था और मांग पर इसकी जांचकर संग्रहित कराने की मांग की है।

जयसिंहपुर तहसील व ब्लॉक मुख्यालय के उत्तरी तरफ स्थित ग्राम भिदूरा के दक्षिण तरफ हनुमान गढ़ी नाम से प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर के टीले के आस पास ग्रामीणों को पत्थरों की खण्डित मूर्तियां मिली तो उसे ग्रामीणों ने मंदिर के सामने स्थित नीम के पेड़ के पास इकट्ठा कर दी और मंदिर के दक्षिणी और उत्तरी छोर पर एक एक शिव लिंग की पाए गए जो मंदिर से सामान दूरी पर विद्यमान है।
गांव के बुजुर्गों और अन्य ग्रामीणों को इसके इतिहास के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई बता पा रहा है। ग्रामीणों की मान्यता है कि यहाँ जो कोई भी श्रद्धालु सच्चे मन से अपनी मनोकामना लेकर आया उसकी मुराद अवश्य पूरी हो जाती है। यहाँ पर इन्ही मान्यताओं को लेकर यह स्थान आस्था का केंद्र बन गया । यहां पर लोग प्रतिदिन अपनी मनोकामनाओं को लेकर पूजा अर्चना के लिये आते जाते रहते है। गांव के कुछ भक्तों ने अपने निजी खर्चे पर मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया किन्तु अभी भी वहाँ मिले दो शिवलिंगों में एक का चबूतरा तक नही बन पाया है।

यहाँ प्रतिवर्ष शिवरात्रि और नागपंचमी के दिन भारी भीड़ इकट्ठा होती है और नागपंचमी के बाद पड़ने वाले तीन मंगलवार को मेला भी लगता है। यहां मिली पत्थरों की मूर्तियों व शिवलिंगों की अभी तक पुरातत्व विभाग द्वारा कोई जांच नही की गई है जिससे यह उपेक्षा की शिकार हुई पेड़ के नीछे ही पड़ी अपने इतिहास को लिये विलुप्त होती जा रही है।
जिपंस प्रतिनिधि डॉ सूरज कुमार ने डीएम व एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
स्थानीय लोंगों की इन्ही मान्यताओं और आस्था को देखते हुए उनकी मांग पर वार्ड नं017 की जिला पंचायत सदस्य व प्रतिनिधि डॉ सूरज कुमार ने बुधवार को जिलाधिकारी सुलतानपुर जसजीत कौर व उपजिलाधिकारी जयसिंहपुर वंदना पांडेय से मिलकर गांव में मिली पत्थरों की मूर्तियों की जांच पुरात्तव विभाग से करवाये जाने की मांग करते हुए इन्हें संग्रहित कराने का ज्ञापन सौंपा।