Friday, April 11, 2025
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सुल्तानपुर के श्रम विभाग में घोटाला:-शिशु मातृत्व लाभ योजना में महकमे ने किया लाखो का खेल…

  • श्रमिको के अंत्येष्टि के पैसे को हजम कर चुका है श्रम महकमा।
  • करीब छह माह से चार्ज पर नहीं है कोई सहायक श्रमायुक्त।

सुल्तानपुर।अनुदान पाने के लिए श्रम दफ्तर का चक्कर लगा रहे लाभार्थी या उनके अभिभावकों को शिशु मातृत्व लाभ योजना का कोई लाभ नहीं मिल सका है।जबकि बच्चियां जन्म से अब तक पैरो के बल चलने लगी है।महकमे के दोयम दर्जे के अफसर व कर्मी सब वसूली में मशगूल है।यही नहीं पिछले छह माह से कोई सहायक श्रमायुक्त तक तैनात नही है

यही वह श्रम महकमा है जब 25 लाख रु से ऊपर का घोटाला कफन खसोटी यानी अंत्येष्टि के पैसे में बंदर बांट के चलते सुर्खियों में था।उस दौरान पैसे की लूट इस तरह थी कि किसी लाभार्थी का पैसा चहेते के खाते में भेज हड़प लिया गया था।खैर जांच हुई तत्कालीन सहायक श्रमायुक्त राम उजागिर समेत कई कर्मी सस्पेंड हुए।लेकिन अभी भी महकमे में लूट घसोट का खेल जारी है।

पता चला है कि वर्ष 2018 से श्रम विभाग ने सुविधा शुल्क न मिलने पर लाखों की एफ.डी दिया ही नहीं है।करीब डेढ़ दर्जन एफडी विभागीय कर्मियों ने गायब कर मामले को दबा लिए है। चयनित श्रमिकों को बीते पांच वर्षों से मैराथन की दौड़ लगवा रहे हैं, इनमें कई श्रमिको के पैरों की चप्पलें घिस गयीं।अब जब विभाग ने नजदीक के पंजाब नेशनल बैंक से पत्राचार किया तो कर्मियों की पोल खुलने लगी है।

हद तो तब हो जाती है कि मजदूरों की तरफ से खुले खातों से अब तक बैंक ने भी कई चार्ज लगाकर हजारों रुपये काट लिए है।जब आवेदन हुआ था तो उस वक्त जन्म लेने वाली डेढ़ दर्जन बिटिया अब अपने पैरों पर चलने लगीं है। लेकिन लापरवाह कर्मियों ने धन उगाही के चक्कर में इस योजना को लँगड़ा बना दिया।

फिलहाल पोल खुलने पर विभाग में हड़कंप मचा है, कहा जा रहा वर्षो से एफडी लेने कोई नही आया। सूत्र की माने तो विभागीय कर्मियों ने मुठ्ठी गर्म नही करने पर एफडी को ही गायब कर दिए हैं।जुलाई से सुल्तानपुर के सहायक श्रमायुक्त का अतिरिक्त कार्य देख रहे अमेठी जिले के अफसर गोविंद कुमार के पास है।जब सवाल किया गया तो वे मामले की जांच कराने को कह रहे है।इसके पहले ये भी चुप्पी साधे कमीशन के इंतजार में थे।

  • कितना मिलता है अनुदान राशि-

इस योजना में पुत्र होने पर एकमुश्त 20 हजार रु तथा पुत्री होने पर 25 हजार प्रति शिशु की दर से देय होगा।परिवार में पहली सन्तान बालिका होने अथवा दूसरी सन्तान के बालिका की दशा में रू0 25 हजार की सावधि जमा। जन्म से दिव्याॅंग बालिका की दशा में रू0 50 हजार की सावधि जमा। परिपक्वता राशि बालिका के 18 वर्ष की आयु तक अविवाहित रहने की दशा में ही देय होती है।