
- बार अध्यक्ष के नेतृत्व मे अधिवक्ताओ ने एसपी से मुलाकात कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
- धारा 307 में मुकदमा न दर्ज किया जाना पुलिस की मंशा पर सवालिया निशान
सुल्तानपुर। आरटीआई एक्टिविस्ट व अधिवक्ता पर जानलेवा हमले से जिले के अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है।तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर छानबीन में पुलिस जुट गई है।वही अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल बार अध्यक्ष की अगुवाई में एसपी से मिलकर तत्काल गिरफ्तारी की मांग किया है।
मामला कोतवाली नगर सिविल लाइन मोहल्ला निवासी अधिवक्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट रवीन्द्र प्रताप सिंह पर हमले से जुड़ा है।
वे कोतवाली क्षेत्र के बाबा पुरम ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में मित्र के घर गए थे। वहां से बाइक से सोमवार की रात घर लौटते समय रास्ते में क्रॉसिंग के पास घात लगाए नकाब पोश बदमाशों ने रोक लिया। जैसे ही उन्होंने बाइक को स्टैंड पर लगाते व कुछ समझ पाते तब तक बदमाशों ने उन पर लाठी और डंडे व सरिया से हमला बोल दिया। रविंद्र सिंह बेहोश होकर जमीन पर गिर गए। वही मारपीट की आवाज सुनकर मोहल्ले वाले दौड़े तो बदमाश भाग निकले, स्थानीय लोगों ने उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। डाक्टरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी सूचना पर नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय मेडिकल कॉलेज पहुंचे,
गौरतलब हो कि शहर के कई सरकारी व धार्मिक स्थलों के साथ ही नजूल की जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर अफसरों से शिकायत करने के साथ ही अधिवक्ता रवींद्र सिंह पीआईएल व जन सूचना मांगते रहे हैं। जो भूमाफियाओं व अवैध कब्जा धारकों को रास नहीं आ रहा था।यह हमला इसी साजिश का हिस्सा मानी जा रही है। अधिवक्ता रवीन्द्र प्रताप सिंह पर हुए जानलेवा हमले से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने मंगलवार को दिन भर न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला लिया। बार एसोसिएशन अध्यक्ष गिरिजा प्रसाद शुक्ल, मीडिया प्रभारी अशोक शुक्ल ,अंकुश यादव ,राघवेंद्र सिंह, पूर्व महासचिव योगेन्द्र सिंह समेत अन्य अधिवक्ताओं ने जिला अस्पताल जाकर घायल अधिवक्ता का हाल चाल लिया। वहां से बार अध्यक्ष के नेतृत्व मे अधिवक्ताओ ने पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा से मुलाकात कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा ने शहर कोतवाल रामाशीष उपाध्याय से बात कर आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिए। बार अध्यक्ष श्री शुक्ल ने बताया सम्बन्धित धाराओ मे मुकदमा दर्ज हो गया है।वही वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने पुलिस द्वारा समुचित धाराओ मे केस न दर्ज करने पर नगर पुलिस की कार्रवाई पर आपत्ति जताई है।इससे हमलावरों के साथ ही संरक्षण दाताओं का भी हौसला बढ़ेगा।ऐसे में धारा 307 न दर्ज किया जाना पुलिस की मंशा पर सवालिया निशान लगा रही है।