Friday, April 11, 2025
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सुल्तानपुर में MP के नए सीएम मोहन यादव की है ससुराल…वैवाहिक रिश्ते में ऐसे बंधे थे मोहन..

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का सुल्तानपुर से है नाता

1994 में सीमा यादव से वैवाहिक रिश्ते से बंधे थे मोहन

(सुल्तानपुर)।Uttar Pradesh News : भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के लिए मोहन यादव (Mohan Yadav) के नाम का एलान किया है. मोहन यादव उज्‍जैन दक्षिण (Ujjain South) से विधायक हैं और वह शिवराज सरकार में मंत्री थे. वहीं मोहन यादव का उत्तर प्रदेश से भी गहरा संबंध रहा है. यूपी के सुल्तानपुर में मोहन यादव का सुसराल है. मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव का नाम घोषित होने के बाद सुल्तानपुर (Sultanpur News) में उनकी ससुराल में जश्न का माहौल है

मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव का रिश्ता बताया जा रहा है! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भाजपा की राजनीति में अंगद पांव जमाने वाले मोहन यादव की ससुराल यूपी के सुल्तानपुर जिले के गांव अकोढ़ी (फुलौना के निकट) में,वर्तमान में नगर के डिहवा मोहल्ला निवासी ब्रह्मादीन यादव(96) के यहां है। उनके रिश्ते के साले विवेकानंद यादव ने बताया कि बहन सीमा यादव की शादी वर्ष 1994 में मोहन यादव जी से हुई थी।छह माह पूर्व मोहन यादव जी की माता जी का निधन हुआ था तो परंपरा के अनुसार सीमा अपने मायके सुल्तानपुर आई हुई है।

उनके साले विवेकानंद जी ने बताया कि उनके 96 वर्षीय पिता ब्रह्मानंद जी की तबीयत खराब चल रही तो मोहन जी हर बार की तरह इस बार भी सुल्तानपुर आए हुए थे एमपी के सीएम मोहन यादव जी 1994 में विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री थे और तब भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे।सीएम मोहन यादव जी एलएलबी एचडी है और उनके पिताजी एमपी के टीआरएस कॉलेज (रीवा जनपद) में प्रधानाचार्य पद से रिटायर हुए । तीन भाइयों में सीमा यादव अकेली बहन है ।उनके सीएम बनने की खुशी से जनपद वासियों में प्रसन्नता व्याप्त है।

ऐसा रहा है राजनीतिक सफर

गौरतलब है कि 1982 में मोहन यादव को पहली बार छात्र संघ का सह सचिव बनाया गया, 1984 में वह छात्र संघ के अध्यक्ष और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री चुने गए थे. 1989 में मोहन यादव को प्रदेश इकाई की परिषद के मंत्री नियुक्त किया गया है. साथ ही 1991 में राष्ट्रीय परिषद का मंत्री बनाया गया. 2011 में उन्हें पहली बर दर्जा प्राप्‍त कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. मोहन पहली 2013 में उन्होने पहली बार उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव जीता और विधायक बने.