
- सुल्तानपुर डीआईओएस ने एसपी को बिना मान्यता चल रहे विद्यालय के प्रबंधक खिलाफ लिखा पत्र
- हरीपुर बनवा में बिना मान्यता के चल रहे चंद्रावती इंस्टिट्यूट का है मामला
- तीन दिन बाद भी नही दर्ज हुई एफआईआर,लीपापोती।
- डीआईओएस ऑफिस में तैनात बाबू करते है मैनेजमेंट का खेल
- भूसे के घर में संचालित होता मिला अवैध स्कूल
सुल्तानपुर।जिले में जहां पर अमान्य विद्यालयों की जांच पूरी होने के बाद कोई कार्यवाही न होने से महकमे पर सवाल उठ रहे थे।वही नवागत डीआईओएस ने चार्ज लेते ही सख्त एक्शन के रिपोर्ट दर्ज करने के लिए अफसरों से पत्राचार शुरू कर दिए है।जिससे बिना मान्यता के संचालित कर रहे के प्रबन्धको में हड़कंप मच गया है।
बानगी के तौर पर नवागत जिला विद्यालय निरीक्षक रवि शंकर (Sultanpur DIOS Ravi Shankar Harijan) ने बिना मान्यता के अवैध ढंग से संचालित चन्द्रावती देवी इंस्टीट्यूट हरीपुर बनवा के प्रबंधक/ प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए एसपी सोमेन बर्मा, थानाध्यक्ष कोतवाली देहात को पत्र भेज कर रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही है। इसके साथ ही विद्यालय बन्द कराने के लिए जीजीआईसी भदैया के प्रधानाचार्य को निर्देश भी दिया है।
- अवैध स्कूल संचालक ने नही दिया नोटिस का जवाब-
गांव के शिकायत कर्ता कृष्ण कुमार मिश्र ने बच्चो के साथ खिलवाड़ करने,बिना मान्यता व कम योग्यता धारी से पढ़ाने आदि की शिकायत की थी।जिस पर डीआईओएस ने जारी आदेश में कहा है कि प्रबन्धक व प्रधानाचार्य, चन्द्रावती देवी इन्स्टीट्यूट हरीपुर बनवा को रजिस्टर्ड डाक से पत्र प्रेषित करते हुए इस आशय का नोटिस निर्गत किया गया था कि विद्यालय में अवैध कक्षाओं का संचालन बंद करें एवं इसकी लिखित शपथ पत्र के माध्यम से नोटिस प्राप्त के तीन दिवस के अन्दर डीआईओएस कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। यदि तीन दिवस के अन्दर प्रबन्धक का लिखित सूचना शपथ पत्र के माध्यम से इस कार्यालय में प्राप्त नहीं होता है तो प्रथम दृष्टया आपके विरुद्ध सम्बन्धित थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी जाएगी तथा अन्य आवश्यक विभागीय कार्यवाही नियमों के परिधि में होगी। जिसके लिए स्वयं उत्तरदायी होगें।य
ही नहीं जांच में प्रधानाचार्य राजकीय हाईस्कूल केनौरा को डीआईओएस कार्यालय से 15 अप्रैल 2023 के माध्यम से जांच अधिकारी नामित किया गया। जांच अधिकारी ने 24 अप्रैल 2023 को विद्यालय की जांच की। जांच आख्या डीआईओएस कार्यालय में उपलब्ध कराया है। जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया है कि विद्यालय कक्षा एक से कक्षा 12 तक संचालित हो रहा है। विद्यालय को माध्यमिक शिक्षा विभाग से कोई मान्यता प्रदान नहीं की गई है। प्रबंधक ने निरीक्षण के समय कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया।जिसकी चर्चाएं आम है।
