
- –एसडीएम कादीपुर ने किसी के दबाव में मौखिक आदेश पर रोका था निर्माण ,आज तक पड़ा अधूरा
- ग्राम सभा में पंचायत भवन निर्माण में अवरोध से परेशान है जनता
- गाव के भ्रस्ट पूर्व प्रधान हरि सहाय ने नही कराया पूरा निर्माण, फिर बनवा रहे दबाव
- लगभग 6 महीने से एसडीएम के मौखिक आदेश पर पंचायत भवन का निर्माण अधूरा
सुल्तानपुर।योगी सरकार पंचायती राज महकमे को चाहे जितना निर्देश देती रहे लेकिन गाँव मे विकास उतना ही होगा जितना जिले के अफसर चाहेंगे।
सुल्तानपुर जिले के दोस्तपुर ब्लॉक से ऐसा ही एक मामला सामने आया है।जहां की कल्याणपुर ग्राम सभा को अभी तक अपना पंचायत भवन नही मिल सका है।शायद यह यूपी का पहला ग्राम सभा होगी जहा पर पंचायती राज विभाग पंचायत भवन नही बनवा सका है।ब्लॉक दोस्तपुर के ग्राम सभा कल्याण पुर विगत 16 अगस्त को प्रस्ताव में पंचायत भवन बनने के लिए जमीन का चयन के साथ ही पंचायत भवन का निर्माण कार्य शुरू हो गया ।इसी बीच गांव के भ्रस्ट पूर्व प्रधान हरि सहाय मिश्र ने राजनैतिक दबाव बना कर पंचायत भवन का निर्माण रोकवा दिया जाता है,अंदर खाने की माने तो निर्माण न हो सत्ताधारी विधायक राजेश गौतम अफसरों पर दबाव बना रहे है। जिस पर निर्वतमान ग्राम प्रधान ने शिकायती पत्र देकर पुनः निर्माण कार्य कराए कराने की मांग किया लेकिन ब्लाक में बैठे बीडीओ,सेक्रेटरी अभी तक पंचायत भवन का निर्माण पूरा नही करा सके है।या यू कहा जाय गाँव की जनता को अभी तक अपना पंचायत भवन नही मिल सका है।
- सांसद मेनका गांधी का आदेश नही मानते एसडीएम कादीपुर व दोस्तपुर ब्लॉक के अफसर व कर्मी
यही नही ग्राम प्रधान मिलिंद चौधरी ने जिले की सांसद मेनका गांधी से भी शिकायती पत्र व ज्ञापन देकर पंचायत भवन निर्माण में हो रहे अवरोध के बारे बीते 16 मार्च को बताया में जिसमे सांसद मेनका ने एसडीएम कादीपुर को पंचायत भवन बनवाने का आदेश दिया लेकिन एसडीएम साहब भी निर्माण कराने में फेल रहे है।
- पंचायत भवन का मामला पहुंचा उच्च न्यायालय
पंचायत भवन न बनने से विवश ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने अधिवक्ता मोहन सिंह व सौभाग्य मिश्र के जरिये उच्च न्यायालय की शरण ले लिया है।जिसमे हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए से पंचायत भवन न बनने पर जबाब तलब किया है। विदित हो पंचायत भवन के निर्माण कार्य में कुर्सी तक पूरा हो चुका है मौके पर निर्माण अवरुद्ध होने पर बिल्डिंग मटेरियल सामग्री की क्षति हो चुकी है जिससे सरकारी कोष का और भी दुरपयोग हो रहा है।
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