
इनामिया समेत अन्य अपराधियों को संरक्षण देती रही लोकल पुलिस,मिनीगुंडा,गुंडाएक्ट अथवा नहीं खुली हिस्ट्रीशीट
राकेश हत्याकांड मामले के बाद से पुलिस का दो दो बार मुठभेड़,फिर भी आधा दर्जन आरोपी पुलिस पकड़ से दूर।
दोस्तपुर,सुल्तानपुर।एक थप्पड़ का बदला लेने के लिए राकेश विश्वकर्मा को जान देकर हिसाब बराबर करना पड़ा।इस हत्याकांड के बाद से कादीपुर पुलिस की सक्रियता से अब तक भले ही दर्जन भर आरोपी जेल चले गए है।लेकिन शातिर बदमाश व इनामिया पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं।यही नहीं नवागत एसपी ने आते ही सभी थानों को आरोपियों,अपराधियों पर नकेल कसने के लिए प्रभावी कार्यवाही जैसे गुंडा एक्ट,मिनी गुंडा व हिस्ट्रीशीट खोलने के निर्देश दिए।चिन्हित आरोपियों को पाबंद करते हुए सार्वजनिक भी किया गया।लेकिन राकेश हत्याकांड में शामिल इन डेढ़ दर्जन हत्यारों के खिलाफ पूर्व दर्जनों मुकदमे होते हुए भी लोकल पुलिस एक्शन के बजाय संरक्षण में खड़ी रही।तभी तो कानूनी पाबंदी से बचे रहे।फिलहाल इस लापरवाही से दोस्तपुर व अखंडनगर पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है।

राकेश हत्याकांड में कुछ को पुलिस ने किया अरेस्ट ,कुछ को संरक्षण दे रही सुल्तानपुर पुलिस
राकेश हत्याकांड में शामिल डेढ़ दर्जन आरोपियों में से दोस्तपुर थाने के पप्पू यादव,रमाकांत यादव,संदीप,लक्ष्मण यादव,चंद्रिका देवी,अरविंद यादव व नान्हू यादव आंबेडकर नगर जिले के संदीप यादव,अंकित यादव व सनी यादव को पुलिस ने तत्काल अरेस्ट कर लिया था।फिर दो दिन पहले अखंडनगर के नीरज यादव व सुरेन्द्र कुमार को कादीपुर पुलिस ने जेल भेजा है।अभी भी पुलिस पकड़ से संजय सिंह,इनामिया सागर यादव,मोनू यादव,अजय निषाद,अमजद अली,दिवाकर यादव उर्फ फोटू को पुलिस पकड़ नहीं सकी है
लोकल पुलिस आरोपियों के खिलाफ नहीं की पहले कोई कार्यवाही –
एसपी कुंवर अनुपम सिंह जिले में आते ही सभी थाना प्रभारियों को आदेश देते हुए कहा था कि थानावार अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ गुंडा,मिनी गुंडा व हिस्ट्री शीट अवश्य खोली जाय।लेकिन चाहे दोस्तपुर पुलिस हो या अखंडनगर पुलिस,किसी ने दर्जनों अपराधों में शामिल राकेश हत्याकांड में डेढ़ दर्जन आरोपियों के खिलाफ न तो मिनी गुंडा,गुंडा एक्ट अथवा एचएस तक में पाबंद नहीं किया।जबकि देखा जाय तो सागर यादव पर पहले एक लाख रु व दो दो बार50-50 हजार रु का ईनाम घोषित हो चुका है।वर्तमान में खुलेआम घूम रहा है।पत्नी ग्राम प्रधान है।ये वही अपराधी है जिसकी आजमगढ़ में लोकेशन मिली,पूर्व एसओजी प्रभारी अभिषेक सिंह व उनकी टीम ने पीछा करते हुए फायरिंग किया लेकिन वह एक राहगीर को लग गई।इस घटना में एसओजी समेत सभी को जेल जाना पड़ा।आज तक सागर को लोकल पुलिस पकड़ ही नहीं पाई।एसटीएफ के हत्थे चढ़ चुका है।इनके अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज है फिर भी लोकल पुलिस रहमदिली दिखाती रही हैं।यही वजह है एक थप्पड़ का बदला लेने के लिए हत्या कर दी गई। थाने के प्रभारी पंडित त्रिपाठी हो या दरोगा,पुलिसकर्मी सबके सब अवैध वसूली में मशगूल हैं। वही अखंडनगर पुलिस भी इस मामले में प्रभावी कार्यवाही में फैल रही है।कादीपुर कोतवाल का दावा है सप्ताह भर में सभी आरोपी जेल के सलाखों के पीछे होंगे।वही एसपी कुंवर अनुपम सिंह से इन डेढ़ दर्जन आरोपियों के खिलाफ प्रभावी एक्शन हुई या नहीं, इसकी जानकारी चाही गई तो कोई जवाब नहीं मिला।वैसे भी एक्शन हुआ होता तो गुडवर्क का तमगा पुलिस लेती और सार्वजनिक होता।

अखंडनगर के एक दरोगा हुए सस्पेंड,भ्रष्टाचार की पुष्टि पर एक्शन
एसपी कुंवर अनुपम सिंह जिले में आए कई माह हो गए है।इनकी इनकी कार्यशैली से लगता है इनके मातहत अभी समझ नहीं सके है।क्षेत्र में अपराध न हो इस ध्यान नहीं दे रहे है।सभी वसूली में मस्त है।कई के खिलाफ कार्यवाही पहले भी किए है।वही कार्य में लापरवाही पर अखंडनगर थाने में तैनात उपनिरीक्षक बालेंद्र बहादुर सिंह को निलंबित कर दिया गया है।दरोगा पर ड्यूटी में लापरवाही और भ्रष्टाचार में शिकायतों के चलते व प्रभावी एक्शन की कार्रवाई न करना बताया जा रहा है।अखंड नगर के कोतवाल ने इस एक्शन की पुष्टि किया है।