
- वाह रे! सुल्तानपुर सदर के लेखपाल व कानूनगो का कारनामा,
- नवीन परती की जमीन से कब्जा हटवाने के बजाय बनवा दिया मकान
- उसी भूखंड से दूसरे का हटवा दिया कब्जा,राजस्व व पुलिस महकमे के सौतेले व्यवहार की चर्चाएं आम।
कुड़वार,सुल्तानपुर।कहा जाता है कि पटवारी/लेखपाल की गुनिया में बड़ी ताकत होती है।जिसे चाहे बेघर कर दे,जिसे चाहे अनाधिकृत तौर पर कब्जा करा दे।आरक्षित जमीन होते हुए भी राजस्व अफसर भी सुर में सुर मिलाने लगे तो आखिर पीड़ित विधवा कहां जाय,यह बड़ा सवाल लोगो के जेहन में गूंज रहा है।फिलहाल गिराए गए पीएम आवास के लाभार्थी ने अब जिला प्रशासन से थक हार कर सीएम व मंडलायुक्त को पत्र भेज कर कार्यवाही की मांग किया है।
- न्याय की आस में दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है विधवा महिला
यह मामला सदर तहसील के कुड़वार थाना क्षेत्र स्थित भगवानपुर गांव का है।जहां पर गाटा संख्या57 नवीन परती का भूखंड है।जिसमे गांव की दो विधवा शैलकुमारी पत्नी स्व पवन कुमार व बंबा देवी पत्नी स्व श्यामलाल प्रधानमंत्री आवास की लाभार्थी हैं।जब पहली किश्त आई तो निर्माण शुरू कराने से पहले ही बंबा देवी की पुत्रवधु सुमन शर्मा ने एसडीएम सदर व सांसद से मिलकर जमीन चिन्हित कराने की फरियाद किया तो क्षेत्र के लेखपाल सुशील तिवारी/वाहिद या कानूनगो तक चिन्हित करने नही गए।फिलहाल शैलकुमारी व बंबा देवी ने निर्माण शुरू करा दिया।

वही गांव के जगदीश प्रसाद पुत्र राम अभिलाख के इशारे पर लेखपाल कानूनगो व अन्य राजस्व अफसर लोकल पुलिस के साथ पहुंच कर गाटा संख्या 57 से एक मात्र बंबा देवी की बन रही दीवाल को गिरा दिया गया।वही शैलकुमारी के हो रहे निर्माण को हरी झंडी दे दी गई।अब सवाल यह उठता है कि आरक्षित जमीन में दोनो का निर्माण चल रहा था तो एक को हटाया गया दूसरे को क्यों नहीं।नियम कानून व आदेश के अनुपालन का मापदंड अलग अलग होने की चर्चाएं आम है।सच तो ये है कि सेटिंग गेटिंग के चलते सौतेला व्यवहार राजस्व लेखपाल व अफसर कर रहे है जो न्याय संगत नहीं है।पीड़िता बंबा देवी की पुत्रवधू सुमन देवी,उनके बेटे व पति समेत अन्य परिवारी जनों को न्याय दिलाने के बजाय फर्जी ढंग से फंसाने की धमकी भी मिल रही है।फिलहाल पूरे प्रकरण की शिकायतसीएम,मंडलायुक्त समेत अन्य अफसरों से आन लाइन शिकायत की गई है।