Thursday, April 10, 2025
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सुल्तानपुर के भाजपा बूथ अध्यक्ष को पंचायत सेक्रेट्री ने गालियों से नवाजा,सोशल मीडिया पर ऑडियो हो रहा वायरल

सुल्तानपुर। योगी सरकार में चाहे अफसर हो या कर्मी।किसी से कोई सिफारिश किया तो खैर नहीं।जब भाजपा बूथ अध्यक्ष ने कुछ गरीब लोगों की मदद करने के लिए पंचायत सचिव को फोन किया तो उसने गालियों की बौछार कर डाली।दोनों के बीच का ऑडियो सोशल मीडिया पर दो दिन से वायरल हो रहा है।महकमे के जिम्मेदार अभी तक एक्शन लेना तो दूर संज्ञान में ही नहीं लिया है।फिलहाल दस्तक भारत न्यूज इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।

मामला जयसिंहपुर ब्लाक के पांडेयपुर सुरौली गांव से जुड़ा है।जहां पर पंचायत सचिव सुरेन्द्र तिवारी की तैनाती है।इनके पास कई गांवों का जिम्मा है।इनके खिलाफ शिकायतें आए दिन आती रहती है।लेकिन किसकी मजाल जो कार्यवाही करें।वैसे तो योगी सरकार,सरकारी महकमे में तैनात आलाधिकारियों को शख्त निर्देश दे रखी है कि पीड़ित व्यक्तियों की शिकायतें त्वरित संज्ञान लेकर उनकी समस्याओं का समाधान करें,पर इस जिले में इसके विपरीत एक मामला सामने आ रहा है।जिसकी लिखित शिकायत पीड़ित आशीष यादव वर्तमान में भाजपा बूथ अध्यक्ष व पूर्व में भाजयुमो मंडल उपाध्यक्ष है,ने संबंधित थाने पर दी है।दरसल पूरा मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के सुरौली (पाण्डेय पुर) का बताया जा रहा है,ग्राम सुरौली निवासी पीड़ित आशीष यादव ने मामले की लिखित शिकायत गोसाईगंज थाने में की है,शिकायत के अनुसार बीती 14 फरवरी को ग्राम सभा मे सेक्रेट्री सुरेंद्र कुमार तिवारी गाँव मे कच्चे मकानों का सर्वेक्षण कर रहे थे,और उस दिन कुछ लोगों का सर्वेक्षण छूट गया था,छुटे हुए लोग पीड़ित की बहन रूबी यादव (ग्राम पंचायत सहायक) से आकर मिले और सर्वेक्षण छूट जाने की बात बताई,इस पर रूबी यादव ने अपने पीड़ित भाई से कहा कि सेक्रेटरी साहब को फोन करके सर्वेक्षण में छुटे हुए लोगों की जानकारी दे दें,पीड़ित ने प्रार्थना पत्र में आगे लिखा है कि मैं ये सूचना सेक्रटरी सुरेंद्र कुमार तिवारी के मो0 न0 9450910201 पर कॉल करके उनको जानकारी दे ही रहा था कि सेक्रटरी को सूचना देना नागवार गुजरा और सेक्रेटरी ने फोन पर ही माँ बहन की गाली देते हुए देख लेने की धमकी देने लगा।इस पर मैं सहम गया और फोन काट दिया,सेक्रेटरी के इस कृत्य की सूचना संबंधित थाने में लिखित दी है।दो दिन बाद भी भाजपा पदाधिकारी के शिकायती पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इससे स्पष्ट है कि सत्ताधारी नेताओं व अफसरों ने सेक्रेटरी की पकड़ मजबूत जरूर है।