Monday, April 7, 2025
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सुल्तानपुर के खोखीपुर में भागवत कथा में सुनाया श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग, श्रद्धालुओं ने की पुष्पवर्षा

सुल्तानपुर।जिले के खोखीपुर हनुमान मंदिर पर श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन रश्रीधाम वृंदावन के श्री द्वारिकादास त्यागी के कृपापात्र बाल व्यास मधुर ने कृष्ण महाराज ने उधव चरित्र, महारासलीला व रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया। अपने वचन को पूरा करने के लिए भगवान ने महारास का आयोजन किया। इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा गया। सभी गोपियां सज-धजकर नियत समय पर यमुना तट पर पहुंच गईं। कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियां अपनी सुध-बुध खोकर कृष्ण के पास पहुंच गईं। उन सभी गोपियों के मन में कृष्ण के नजदीक जाने, उनसे प्रेम करने का भाव तो जागा, लेकिन यह पूरी तरह वासना रहित था। इसके बाद भगवान ने रास आरंभ किया।

माना जाता है कि वृंदावन स्थित निधिवन ही वह स्थान है, जहां श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। यहां भगवान ने एक अद्भुत लीला दिखाई थी, जितनी गोपियां उतने ही श्रीकृष्ण के प्रतिरूप प्रकट हो गए। सभी गोपियों को उनका कृष्ण मिल गया और दिव्य नृत्य व प्रेमानंद शुरू हुआ। रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुऐ कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी को द्वारका में लाकर उनका विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया।

श्रीमद्भागवत कथा व भंडारे में प्रमुख रूप से आशीष कुमार तिवारी,राम तीरथ तिवारी व जय प्रकाश तिवारी के साथ ही ग्राम वासियो के सहयोग से आयोजित है।आशीष तिवारी ने बताया कि यह कथा खोखीपुर के हकूहा तिवारी का पुरवा में निर्माणाधीन हनुमान मंदिर पर 13 जनवरी से 20 जनवरी तक दोपहर एक बजे से 05 बजे तक चल रही हैं।21 जनवरी को हवन पूर्णाहुति होगी।22 जनवरी को शाम से देर रात तक विशाल भंडारे का आयोजन है।कथा श्रवण व महाप्रसाद ग्रहण करने की अपील आयोजक मंडल द्वारा किया जा रहा हैं।