Friday, April 18, 2025
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सुल्तानपुर में अनुपालन के नाम पर अधीनस्थों की धनउगाही जारी.?पीएम आवास के पात्रों के साथ सौतेला व्यवहार…

  • सुल्तानपुर में पीएम आवास के लाभार्थी के साथ अफसरों का सौतेला व्यवहार,चर्चाएं आम
  • अनुपालन दिवस के नाम पर जबरन कार्यवाही में जुटे अधीनस्थ अफसर।
  • सांसद ने लिखा सीआरओ को लिखा पत्र, जांच कर ले एक्शन।
  • डीएम साहिबा इतनी खुली छूट पर लगाइए अंकुश

सुल्तानपुर।जिले के स्थानीय अफसर मनमानी पर उतारू है।सभी कार्यवाही निष्पक्ष न कर पक्षपात पूर्ण कार्य कर रहे है।
देखा जाय तो गुरुवार को पहली बार अनुपालन दिवस थानों पर आयोजित हुआ।फिर क्या था। कुड़वार थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव में निवासी बंबा देवी व शैल कुमारी के नाम प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ।पीड़िता ने निर्माण शुरू कराने से पहले राजस्व अफसरों को प्रार्थना पत्र देकर जमीन चिन्हित कराने की बात कही।गाटा संख्या57 में दोनो लाभार्थी ने निर्माण शुरू करा दिया

।गांव के जगदीश प्रसाद ने शिकायत कर पीड़िता बंबा देवी का निर्माण रोकवा दिया।बताया गया कि दोनो आवास नवीन परती ग्राम समाज की भूमि में बन रहा है।यही नहीं हद तो तब हो गई जब तहसील सदर से आए लेखपाल,कानूनगो,राजस्व अफसर व कुड़वार पुलिस ने जबरन जेसीबी से बंबा देवी के एक मात्र निर्माण को ढहाया गया।फिलहाल पीड़िता ने इसकी शिकायत सांसद मेनका गांधी व एडीएम,एसडीएम से किया है।इसके बावजूद नवीन परती के जमीन में शैल कुमारी के पीएम आवास का छत तक डलवा दिया गया।ऐसे में सौतेला व्यवहार किया गया।

  • लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के साथ भी अफसरों की मनमानी

वही धम्मौर थाना क्षेत्र के सरैया गांव निवासी पत्रकार प्रदीप यादव के परिजनों का पहले 151 में चालान कर दिया गया।इसके साथ ही जेसीबी पहुंच कब्जा शुरू कर दिया।जब एसपी से शिकायत हुई तो कार्य रुका।फिर दूसरे दिन लेखपाल कानूनगो व लोकल पुलिस जबरन निर्बाध गति से कार्य चलने लगा।जबकि सीआरओ के आदेश की अमलदरामद होती,नक्शा संशोधन होता तब कब्जे की बात होती।खैर प्रदीप यादव पक्ष(कमलेश कुमारी आदि) के लोग आयुक्त अयोध्या के यहां मुकदमा भी दायर किए है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

  • आबादी में बने मकान पर चली जेसीबी पर उठे सवाल

इसके अलावा बल्दीराय थाना क्षेत्र के आलियाबाद में आबादी में बने मकान पर चली जेसीबी की चर्चाएं आम है,उसे जबरन गिरवा दिया गया।पता चला लोकल पुलिस व राजस्व टीम के सामने पीड़िता तेल डाल कर आत्म हत्या की कोशिश कर रही थी।उसे व उसकी बेटी को उल्टे ही जेल भेज दिया गया।पता तो यहां तक चला है कि आबादी के उस जमीन का सिविल न्यायालय में मुकदमा आज भी लंबित है।खैर अफसर ही जब नियम कानून को हाथ में लेने लग जाय तो कुछ नहीं कहा जा सकता।ऐसे में अनुपालन दिवस से भले ही पीड़ित/फरियादी को न्याय न मिले।लेकिन राजस्व व पुलिस की बल्ले बल्ले जरूर हैं।