
- IFS अधिकारी निहारिका सिंह पर प्रदेश के चार जिलों के 10 थानों में दर्ज है 17 मुकदमे
- निहारिका के पति 3 साल से जेल में है बन्द
सुल्तानपुर।अनीबुलियन कंपनी (Anni Bullion Company)की निदेशक IFS अधिकारी निहारिका सिंह (IFS Niharika Singh)पर प्रदेश के चार जिलों के 10 थानों में 17 मुकदमे दर्ज हैं। हालांकि इन मुकदमो में तीन वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब ED ने उन्हें नोटिस भेजा है। जिससे सैकड़ों की संख्या में सुल्तानपुर के निवेशकों के चेहरे खिल गए हैं। उन्हें उम्मीद हो चली है कि डूबा पैसा वापस हो जाएगा।

पड़ोसी जिला अयोध्या के कुमारगंज निवासी अजीत गुप्ता ने अनीबुलियन नाम से कंपनी कार्यालय सुल्तानपुर जिले के बल्दीराय में खोला था। उसने कई जिलों में जाकर ग्राहकों को एक वर्ष में 40 प्रतिशत व दो वर्ष में रुपया दोगुना करने का लालच दिया और खूब देकर धन जमा कराया। आरोप है अजीत ग्राहकों के साथ जब मीटिंग लेता दो अपनी पत्नी निहारिका सिंह को लेकर जाता। वो भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी हैं व इंडोनेशिया के बाली में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास में सेवारत हैं।कस्टमर को लुभाने के लिए निहारिका सिंह मीटिंग में अपनी फोटो प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, सांसद के साथ दिखाया करती, जिससे ग्राहकों पर असर पड़े।
ऐसा करके दंपत्ति ने लोगों के करोड़ों रुपये जमा कराए आखिर में 2019 में कंपनी बंद हो गई।अजीत गुप्ता सहित उनके साथी गायब हो लिए। फिर कस्टमर व एजेंटों ने FIR दर्ज कराना शुरू किया। अजीत गुप्ता व उनके साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी के लगभग डेढ़ सौ मुकदमे दर्ज हुए हैं। वही निहारिका सिंह कंपनी में डायरेक्टर थीं लेकिन उनके खिलाफ ज्यादातर केसों में पुलिस दूसरी तहरीर लेकर उनका नाम कटवाकर केस दर्ज करती थी।
- एक मुकदमे को ट्रांसफर कराकर निकलवा लिया नाम
जिले में बल्दीराय व हलियापुर थाना में अजीत गुप्ता के खिलाफ तो है लेकिन निहारिका का नाम नहीं है।इनके खिलाफ सुल्तानपुर कोतवाली में एक,अयोध्या जिले के कुमारगंज में दो, महराजगंज में एक, कोतवाली मे पांच, कोतवाली नगर में एक, रुदौली में एक, पूरा कलंदर में दो, बाराबंकी जिले के रामसनेही घाट थाना में दो, लखनऊ के पीजीआई व गोमतीनगर में एक-एक केस दर्ज है। तीन साल से निहारिका के पति जेल में हैं लेकिन 17 मुकदमे दर्ज होने के बावजूद पहुंच के चलते इनके खिलाफ आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि कई केस में संलिप्तता को ही नकार दिया गया। कुमारगंज थाने में विवेचना इनायत नगर थाना स्थांतरित कर उसमे इनका नाम निकाल भी दिया गया।लेकिन अब ईडी ने नोटिस जारी किया तो जमाकर्ताओं में धनवापसी की कुछ उम्मीद जगी है।
एडीएम वित्त मनोज पांडेय ने बताया कि धोखाधड़ी की चपेट में आए लोगों से फार्म भरवा कर लिए जा रहे हैं। इसे शासन को भेजा जा रहा है। ईडी की जांच के उपरांत पैसा मिलने पर फार्म भरने वालों को पैसा देने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए सभी तहसीलों में काउंटर संचालित कराए गए हैं।