Friday, April 18, 2025
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सुल्तानपुर में आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के कार्यक्रम से गायब रहे बेलगाम आबकारी अफसर हितेंद्र शेखर..लिया एक्शन

  • बोले मंत्री कहां है तुम्हारा डीओ, जवाब मिला मीटिंग में हैं तो भड़क गए मंत्री।

सुल्तानपुर। आबकारी मंत्री उस समय भड़क गए जब उनके अपने ही विभाग के आबकारी अधिकारी उनके आगमन पर लापता थे। उन्होंने विभागीय स्टॉफ से सवाल करते हुए कहा, तुम्हारा डीओ कहां है?’ जवाब मिला वो मीटिंग में हैं। इस पर मंत्री ने आपा खो दिया, कहा कौन सी मीटिंग ऐसी है कि विभागीय मंत्री आया है वो मीटिंग कर रहे हैं। इसके बाद फोन लगाकर उन्हें मौके पर बुलाया गया।फिलहाल आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल व्यापारियो के सम्मेलन में राम नरेश त्रिपाठी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पुनः रवाना हो गए।उन्होंने जिला आबकारी हितेंद्र शेखर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

आबकारी मंत्री ने मीडिया से कसा राजनीतिक तंज

मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा केवल नाम रख लेने से इंडिया इंडिया नहीं हो जाता है। मैं तो यूपीए ही कहूंगा। मैं इंडिया मानता ही नहीं हूं उन लोगों को। यूपीए का जो गठबंधन है जो लगातार यह सब दल इकट्ठा हो रहे हैं यह कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए हैं। भ्रष्टाचार में उन लोगों को जेल भी जाना पड़ा है जो आज जमानत पर बाहर हैं। आज वह सब मोदी का मुकाबला करना चाहते हैं आज वह सब एक मंच पर खड़े हैं और एक ऐसी विचारधारा जो कभी एक नहीं हो सकती।मोदी सरकार देश में तीसरी बार पूर्ण बहुमत से बनने जा रही है। कानून व्यवस्था की जहां तक बात है आप खुद ही देख सकते हैं कि जो संगठित अपराध एक समाजवादी पार्टी के समय में चलता था। जिन वासियों के हाथ में प्रदेश की सत्ता दे दी गई थी। इन माफियाओं को राजनीतिक तौर पर बढ़ाने का कार्य समाजवादी पार्टी कि सरकार ने किया आज उन माफियाओं को नेस्तनाबूद करने का काम योगी ने किया है। अब अपराधी अपराध करने से पहले 100 बार सोचता है कि मैं उत्तर प्रदेश में हूं। यह जो डर और भय के अपराधियों के दिलों में आया है यह हमारे नेतृत्व के बदौलत है।

जिले में महकमे की सह पर धड्डले से बन व बिक रही अवैध शराब-

प्रदेश के कई जिलों में भले ही जहरीली शराब से कई की मौतें हो चुकी हो।सूत्रो पर यकीन करे तो यह सुल्तानपुर जनपद के आबकारी महकमे के मुखिया समेत मातहत अवैध शराब की बिक्री व निर्माण पर रोक नही लगा पा रही है।गोमती नदी के किनारे स्थित गांवों में धडल्ले से शराब की भट्टियां धधक रही हैं।यही नहीं अधिकृत दुकानों पर फर्जी होलोग्राम व प्रिंट रेट से अधिक दाम पर शराब बेची जा रही हैं।विभाग के जिम्मेदार कागजी खानापूर्ति में माहिर है ये सेटिंग गेटिंग कर कही लहन तो कही भट्टियां नष्ट कराकर कर वाहवाही लूट रहे है।जो सच्चाई से कोसो दूर है।