
- सम्पत्ति की खातिर कागज में हेराफेरी कर अमरजीत की तीन अलग अलग है वल्दियत
जमीनी विवाद की जड़ हैं लेखपाल,सेटिंग गेटिंग में सबूतों को कर देते हैं दरकिनार।
सुल्तानपुर।जहां पर वरासत को ससमय निस्तारण करने की जिम्मेदारी इलाके लेखपालों व कानूनगो की है।वही ये राजस्वकर्मी इसे कमाई का माध्यम बना लिये है।जब वरासत ऑनलाइन होती है तो कुछ न कुछ कमी दिखा पहले निरस्त कर देते हैं।कही सेटिंग है तो सबूत को दरकिनार कर नियम विपरीत वरासत कर दी जा रही है।
ऐसा ही एक मामलव दूबेपुर ब्लॉक निगोलिया का है जहाँ के पीड़ित रिटायर्ड लेखपाल जगप्रसाद ने डीएम को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि वह लगभग 40 वर्ष से ग्राम निगोलिया परगना मीरानपुर, तहसील सदर में निवास करता चला आ रहा है। प्रार्थी के सगे छोटे भाई अंगद कुमार थे ।उनकी शादीशुदा औरत उनकी विकलांगता की वजह से उनको राधेश्याम पुत्र बैजनाथ निवासी पूरे छत्ता भेटुआ जनपद अमेठी से दूसरी शादी कर बतौर पत्नी रहने लगी। पत्नी निर्वाहन करते हुए उनके पुत्र अमरजीत, रमेश कुमार व पुत्री वीना, सरोजा, उनी पांच संताने उत्पन हुई। पीड़ित जगप्रसाद के भाई अंगद की मृत्यु बीते 21 नवम्बर को हो गयी थी। मृत्यु के बाद जब ग्राम कचनावा,निगोलिया की वरासत कराये जाने के सम्बन्ध में आनलाईन किया गया तो लेखपाल द्वारा पाही काश्त मानते हुए आवेदन निरस्त कर दिया गया और प्रतापपुर, अगई, नेवरा के क्षेत्रीय लेखपालों द्वारा भी निरस्त कर दिया गया। वही सांठगांठ कर मृतक अंगद कुमार का काल्पनिक पुत्र बनकर अमरजीत सुत्त राधेश्याम ग्राम पूरे मजरे कनक सिंहपुर परगना व तहसील व जिला अमेठी द्वारा वरासत हेतु ऑनलाइन किया गया तो यह तथ्य संज्ञान में आया कि नेवरा के क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अंगद की पैतृक जमीन पर अमरजीत का नाम दर्ज कर दिया गया, जबकि वरासत दर्ज करने से पहले अमरजीत सुत राधेश्याम के परिवार रजिस्टर नकल, मतदाता सूची विधान सभा, ग्राम पंचायत की दी गई। परन्तु क्षेत्रीय लेखपाल राजेश कुमार ने कहा कि यह सब फर्जी कागज है। इन्हें मैं नहीं मानता हूँ।फिलहाल एसडीएम सदर विपिन द्विवेदी ने बताया कि जांच तहसीलदार सदर कर रहे है।वही तहसीलदार सदर हृदयराम तिवारी का कहना है कि जांच मिली है।जल्द ही कार्यवाही की जाएगी।
05 माह बाद भी लेखपाल नही कर रहे वरासत न ही दे रहे बयान
जहाँ पर एक मामले में नियम कानून व साक्ष्य को दरकिनार कर वरासत कर दी जा रही है।वही शहर से सटे निजाम पट्टी के राशिद खान पांच माह से दौड़ रहे है।क्षेत्रीय लेखपाल सुनील सिंह जमीन की वरासत नही कर रहे है।मुकदमा भी दायर है बयान तक नही देने आ रहे है।ऐसे ही लेखपालों की मनमानी से ही जमीन का विवाद बढ़ता जा रहा है।फिलहाल नवागत डीएम कुमार हर्ष से पीड़ित को न्याय की उम्मीद है।