
- स्नान, ध्यान, ज्ञान व दान का पर्व है मकर संक्रांति
- सहयोगी विचार मंच के बैनर तले हुआ खिचड़ी भोज का आयोजन
सुल्तानपुर।भारतीय मनीषा व संस्कृति में पर्व वे गांठें हैं जो संपूर्ण समाज को एकसूत्र में बांधती हैं। मकर संक्रांति भी ऐसा ही पर्व है। यह सामाजिक समरसता का संदेश देती है। इस पर्व में बनने वाली खिचड़ी इसका अनुपम उदाहरण है।

हर वर्ष की भांति सहयोगी विचार मंच के तत्वाधान में खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया।जिसमें सनातन व एकजुटता की अनुपम छटा देखने को मिली।सहयोगी विचार मंच के संस्थापक स्व श्री राम आर्य जी के स्मृति में आयोजक आलोक आर्य ने जिले के अवंतिका पैराडाइज मे खिचडी भोज के मौके पर बोले कि समाज के हर वर्ग जाति सम्प्रदाय से ऊपर उठकर एक जुट होना पड़ेगा।जिससे हम अपनी पुरातन संस्कृतियों को बचा सके।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में मकर संक्राति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सूर्य के उत्तरायण होने के बाद ही हिन्दू धर्म में शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। मकर संक्रांति सामाजिक समरसता का महापर्व है इसलिए सहभोज भाजपा के स्थापित सिद्धांत राष्ट्रवाद, सुशासन व विकास का हिस्सा है।

खिचड़ी भोज के मौके पर आर्य समाज के प्रबुद्ध जन के साथ पूर्व मंत्री जय नारायन तिवारी,खनिज मंत्रालय के स्वतंत्र निदेशक डॉ सीता शरण तिवारी, राम चरित्र पाण्डेय,मोहित साहू,दीपांकर शर्मा,बबिता अखिलेश तिवारी,जितेंद्र श्रीवास्तव,चेयरमैन पति अजय जायसवाल व अन्य भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।