
- सरकारी असलहो का चोरी जाना या जबरन छीन कर ले जाना कोई बड़ी बात
- दशक भर बाद भी सरकारी खजाने से गायब लाखो रु भी पहेली।
सुल्तानपुर।जिले में सरकारी असलहो का चोरी जाना या जबरन छीन कर ले जाना कोई बड़ी बात नही है।यहां तो सरकारी खजाने करोड़ो रु रहस्यमय ढंग से गायब हो गया। वही दो दो दरोगा के उनके थाने के आवास से गायब सरकारी पिस्टल आज भी अबूझ पहेली बनी है।गनर की कार्बाइन लूट प्रकरण को भी पांच दिन बीत गए है।खैर जब तक वारदात की चर्चा आम जन मानस या मीडिया की सुर्खी रहती तब तक बचाव में अफसर सक्रिय रहते है।धीरे धीरे समय गुजरता है तो पत्रावली भी ठंडे बस्ते में दफन हो जाती है।
करीब डेढ़ दशक पहले कादीपुर तहसील के सरकारी खजाने से करोड़ो रू सुरक्षा गार्ड की तैनाती के बाद भी गायब हो गया आज तक पैसा मिलना तो दूर मुकदमे में कोई दंडित तक नही हुआ।जबकि तत्कालीन एसओ एके सोनकर थे।इसके पीछे ब्यूरोक्रेसी का दबाव रहा।वही हलियापुर के एसओ रहे रमाकांत यादव व पीपरपुर थाने के एसओ रहे ओपी सिंह की सरकारी पिस्टल आवास या कही अन्य रहस्यमय स्थल से गायब हुई।आज तक यही प्रदेश पुलिस बरामद नही कर सकी।मुकदमे में क्या हुआ यह तो नही मालूम लेकिन दोनो दरोगा सेवा निवृत्त जरूर हो गए होंगे।
जबकि कोई एसपी जिले में क्राइम के स्पेशलिस्ट आए लेकिन कार्यकाल पूरा कर चले गए।अब बात की जाय कार्बाइन की तो भले ही कई तेजतर्रार अफसरों की टीम लगी हो।इसका भी राज खुल पाना मुश्किल है।फेल्योर होने की वजह साफ है कि कोई चश्मदीद नही है।दूसरा गनर की हालत भी चाकू बाजी से काफी गंभीर है।वेंटिलेटर सपोर्ट नहीं कर रहा है।

- नगर कोतवाली में अफसरों के साथ घंटो गुफ्तगू करते रहे जीआरपी एसओ-
रविवार को जीआरपी के नवागत एसओ अविनाश सिंह कोतवाली नगर की मदद मांगने पहुंच गए।वे कई घंटे सीओ नगर राघवेंद्र चतुर्वेदी व नगर कोतवाल राम आशीष के साथ गोपनीय वार्ता करते नजर आए।वही उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अलग अलग टीम रेलवे लाइन के किनारे किनारे झाड़ियों में कार्बाइन खोजती नजर आई।आरपीएफ इंस्पेक्टर मनोज कुमार अपने कर्मियों व कई श्रमिको को साथ लेकर तलाश शुरू कर दी है।