
2024 के लोस चुनाव में फिर सपा ने उतारा डमी कैंडिडेट,पब्लिक में नही है पैठ,पूर्व विधायक भगेलूराम ने भी प्रत्याशी पर उठाए सवाल
सपा बसपा गठबंधन प्रत्याशी चन्द्र भद्र सिंह सोनू ने दी थी सबसे करीबी टक्कर
सुल्तानपुर।जिले की सांसदी में करीब छह बार सपा सुप्रीमो ने बाहरी व लोकल प्रत्याशी को दांव पर लगाया।फिर भी जिले की जनता ने नकार दिया।यही नहीं सपा ने ये दांव गठबंधन के तहत भी लगाया फिर भी झोली में नही आई।इस बार2024 के चुनाव में इंडिया गंठबंधन से गैर जनपद के सपाई पर विश्वास जताते हुए भीम निषाद को मैदान में उतारा है।फिलहाल आम जनता तो दूर जिले के सपाई भी टिकट ऐलान के बाद चौंक उठे थे।खैर वोटिंग व परिणाम अभी तो दूर है।पहले ही जनता का रुझान इनकी तरफ नही है।वही पूर्व विधायक भगेलू राम समेत कई सपाइयों ने घोषित प्रत्याशी को बदलने की मांग की हैं।
लोकल व बाहरी दावेदारों को जिताने में असफल रही सपा-
लोस चुनाव में अभी तक करीब छह बार सपा से उम्मीदवार मैदान में आ चुके है।रनर तो थे लेकिन विनर का सपना आज भी साकार होना बाकी है।देखा जाय तो बाहरी प्रत्याशी में डा.रीता बहुगुणा,राम लखन वर्मा को हार का सामना करना पड़ा। वर्तमान में भीम निषाद है।स्थानीय में कमरुज्जमा फौजी,शैलेंद्र प्रताप सिंह ,शकील अहमद,अशोक पांडेय,चंद्र भद्र सिंह सोनू तक ताल ठोक चुके है।शैलेंद्र प्रताप इसी पार्टी से कई बार एमएलसी रह चुके है वर्तमान ने बीजेपी से एमएलसी है।लेकिन सांसदी में फेल रहे।शकील अहमद के भाग्य में जनप्रतिनिधित्व कभी नहीं रहा।चंद्र भद्र सिंह विधायक तो रहे।बसपा सपा के संयुक्त प्रत्याशी के बाद भी नाम मात्र वोट से हार का मुंह देखना पड़ा।इस बार फिर गैर जनपद अंबेडकर नगर निवासी भीम निषाद को बिना सोचे समझे सपा ने डमी कैंडिडेट बना कर बड़ी चूक की है।इनका यहां की जनता के सुख दुख से कोई मतलब नहीं है। जनता ही नही सपाई या अन्य गठबंधन के लोग भी घोषणा के बाद नाम सुने है।ये बेस वोट पर भरोसा रखते है।बाकी बड़बोलापन इनकी पहचान है।इस जिले से बसपा दो बार तो कांग्रेस कई बार सांसद बना चुकी है।भाजपा तो लगातार परचम लहरा ही रही है।अभी तक बसपा ने प्रत्याशी की घोषणा नही की हैं।ऐसे में भाजपा इस बार लाखो वोट के अंतर से बाजी मार सकती है।
लोस चुनाव में ये रही स्थिति-
- वर्ष1999 ने बसपा से जय भद्र सिंह 1,73,558 से जीते थे।दूसरे नंबर पर राम लखन वर्मा सपा को1,58,959 मत तो पवन पांडे निर्दलीय को 1,29,525 मत दीपा कौल कांग्रेस को 82,385 मत में संतोष करना पड़ा।
- 2004 में मो. ताहिर बसपा को 2,61,564 पाकर जीत हासिल किए।जबकि शैलेंद्र प्रताप सिंह सपा 1,59,754 मत मिले।कैप्टन सतीश शर्मा कांग्रेस 1,54,245 वोट मिला।वीणा पांडे भाजपा को 91328 मत मिला।
- वर्ष 2009 में डॉ. संजय सिंह कांग्रेस को 3,00,411 वोट से जीत मिली।दूसरे नंबर पर मो. ताहिर बसपा 2,01,632 मत मिला।अशोक पांडे सपा 1,07,895 मत मिला।सूर्यभान सिंह भाजपा को 44,425 मत मिला।
- 2014 में वरुण गांधी भाजपा को 4,10,348 मत पाकर जीते।पवन पांडे बसपा को 2,31446 मत मिला।शकील अहमद सपा को,2,28144 मत मिला।अमिता सिंह कांग्रेस को 41,983 मत में संतोष करना पड़ा।
- वही 2019 में भाजपा ने वरुण गांधी को पीलीभीत व उनकी मां पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी भाजपा को4,58,196 मत हासिल कर जीत लिया। चंद्रभद्र सिंह सोनू बसपा सपा को 4,44,670 मत मिला।जबकि डॉ. संजय सिंह कांग्रेस को 41,681ही मत में संतोष करना पड़ा।