Saturday, December 13, 2025
Light
Dark

7 बार सांसद, दो बार केंद्रीय मंत्री और अब प्रदेश अध्यक्ष… जानिए उनके चेहरे के पीछे क्या है पार्टी की रणनीति?

राहत रूह कंपनी के मालिक, 50 लाख के गहने,41 करोड की चल अचल संपत्ति और बहुत कुछ

लखनऊ(दस्तक भारत न्यूज)।लगातार कई बार के सांसद व केंद्र सरकार में राज्य वित्त मंत्री पंकज चौधरी को प्रदेश भाजपा का नया अध्यक्ष चुनना करीब-करीब तय हो गया है। 1980 में पार्टी बनने के बाद वह पार्टी के 16वें अध्यक्ष बन रहे हैं। पंकज सात बार के विधायक हैं। पंकज चौधरी के पहले 15 नेताओं को पार्टी का अध्यक्ष बनने का मौका मिला था। प्रदेश में सात बार ब्राह्मणों को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसमें से कलराज मिश्र दो बार प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए।अगर चेहरों के दृष्टिकोण से देखें तो छह ब्राहाम्ण चेहरों को पार्टी ने प्रदेश का मुखिया बनाया।


अध्यक्ष बनने वाले नेताओं में दो नेता ऐसे रहे हैं जिन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। 1982 से 1984 के बीच प्रदेश अध्यक्ष रहने वाले कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। उन्होंने दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और एक बार सांसद के रूप में कार्य किया। दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। दो बार अध्यक्ष बनने वाले राजनाथ सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वह 2000 से 2002 तक मुख्यमंत्री रहे।प्रदेश अध्यक्ष पद पर बैठने वाले नेताओं को जातिगत नजरिए से देखें तो सबसे ज्यादा बार मौका ब्राह्मणों को मिला है।पहली बार 1980 में माधव प्रसाद त्रिपाठी भाजपा के अध्यक्ष बने। वह चार वर्षों तक अध्यक्ष पद पर रहे।

1991 में लखनऊ के कलराज मिश्र पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए। वह 1997 तक पार्टी के अध्यक्ष पद पर रहे। कलराज मिश्र को दूसरी बार सन 2000 में पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया। वह तब करीब दो वर्षों तक इस पद पर रहे।2004 से 2007 तक केशरीनाथ त्रिपाठी इस पद पर करीब तीन साल तक रहे। रमापति राम त्रिपाठी एक अन्य ब्राहाम्ण चेहरे के रूप में भाजपा के अध्यक्ष रहे। वह 2007 से 2010 तक पार्टी के अध्यक्ष रहे।वह 2012 से 2016 तक करीब चार वर्षों तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।महेंद्र नाथ पांडेय ब्राहाम्ण चेहरे के रूप में अभी तक आखिरी बार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे। वह 2017 से 2019 तक पार्टी के अध्यक्ष रहे।


41 करोड़ से ज्‍यादा चल-अचल संपत्ति

 वह आयुर्वेदिक तेल राहत रूह बनाने वाली मशहूर कंपनी हरबंशराम भगवानदास के मालिक हैं। उन्‍हें कुर्मी समाज का बड़ा नेता माना जाता है।2024 लोकसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे में पंकज चौधरी ने अपनी संपत्ति 41 करोड़ 90 लाख 10 हजार 509 रुपये बताई है। इनमें 36 करोड़ अचल तो 5 करोड़ से ज्‍यादा चल संपत्ति है। इसके अलावा उनके ऊपर 3 करोड़ 82 लाख 47 हजार 129 रुपये का कर्ज भी है।


बैंकों में 98 लाख से ज्‍यादा जमा

अब चल संपत्ति की डिटेल जान लीजिए। पंकज चौधरी के पास 57 हजार 825 रुपये कैश है। पत्‍नी के पास 1 लाख 4 हजार 815 रुपये नगद है। इसके अलावा पीएनबी, फेडरल बैंक, एसबीआई समेत अनेक बैंकों में 98 लाख से ज्‍यादा रुपये जमा हैं। केंद्रीय मंत्री के पास विभिन्‍न कंपनियों के 28 लाख 13 हजार के शेयर और बांड्स हैं। 26 लाख से ज्‍यादा रुपये पंकज चौधरी ने पोस्‍ट ऑफिस और एनएसएस में निवेश कर रखे हैं। इनके पास 50 लाख से ज्‍यादा कीमत के सोने और चांदी के गहने भी हैं।


9 करोड़ से ज्‍यादा की गैर कृषि भूमि

अब अचल संपत्ति के बारे में जानते हैं। पंकज चौधरी के पास 9 करोड़ 39 लाख और 85 हजार की गैर कृषि भूमि है। एक कमर्शियल बिल्डिंग है जिसकी कीमत 5 करोड़ से ज्‍यादा है। गोरखपुर में इनके आवास की कीमत 18 करोड़ 89 लाख रुपये है। गैर कृषि भूमि और कमर्शियल बिल्डिंग भी गोरखपुर में ही है।


कई बैंकों से लिया 3 करोड़ से ज्‍यादा का लोन

पंकज चौधरी ने कई बैंकों से 3 करोड़ 23 लाख 40 हजार रुपये का लोन भी लिया है। उनके ऊपर विभिन्‍न लोगों का कुल मिलाकर 47 लाख से ज्‍यादा की बकायेदारी भी है।

पहले कितनी थी प्रॉपर्टी, ये भी जान लीजिए

पंकज चौधरी की संपत्ति में लगातार इजाफा हो रहा है। 2019 लोकसभा चुनाव के समय इनकी संपत्ति 37 करोड़ 18 लाख थी। 2014 में 19 करोड़ 18 लाख था। 2009 के हलफनामे में इन्‍होंने अपनी प्रॉपर्टी 4 करोड़ 37 लाख बताई थी। इससे पहले 2004 में यह एक करोड़ 47 लाख थी।