Friday, April 11, 2025
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काशी में गंगा की रेती पर मिलेगी मालदीव वाली फीलिंग,पर्यटकों को मिलेगा रोमांचकारी अनुभव..

  • विकसित किया जाएगा साइलेंट जोन का परिसर
  • नो पॉल्यूशन जोन अंतर्गत बन रही टेंट सिटी

वाराणसी में गंगापार टेंट सिटी आकार ले रही है। पर्यटकों के लिए यह रोमांचकारी अनुभव होगा ।उत्तर वाहिनी गंगा के पूर्वी छोर पर रेत में बसाई जा रही टेंट सिटी में ठहरने वाले सैलानियों को खास अनुभूति होगी। देश में पहली बार टेंट सिटी में पेंट हाउस की सुविधा मिलने वाली है और यह खास पेंट हाउस की छत से गंगा में विहार करने वाले साइबेरियन को भी रिझाया जा सकेगा। दो जगहों पर बसाई जा रही टेंट सिटी में विशेष बात यह भी है कि इसमें हर कॉटेज को गंगा फेसिंग से जोड़ा गया है

  • गंगा रेती पर मेटल के बेस पर बन रहा सड़क मार्ग

वाराणसी में गंगापार टेंट सिटी आकार ले रही है। पर्यटकों के लिए यह रोमांचकारी अनुभव होगा। उत्तर वाहिनी गंगा के पूर्वी छोर पर रेत में बसाई जा रही टेंट सिटी में ठहरने वाले सैलानियों को खास अनुभूति होगी। देश में पहली बार टेंट सिटी में पेंट हाउस की सुविधा मिलने वाली है और यह खास पेंट हाउस की छत से गंगा में विहार करने वाले साइबेरियन को भी रिझाया जा सकेगा। दो जगहों पर बसाई जा रही टेंट सिटी में विशेष बात यह भी है कि इसमें हर कॉटेज को गंगा फेसिंग से जोड़ा गया है।

  • विकसित किया जाएगा साइलेंट जोन का परिसर

साइलेंट जोन का परिसर विकसित किया गया है, जहां योगा और ध्यान लगाया जा सकेगा। पर्यटन के नए केंद्र के रूप में विकसित हो रही टेंट सिटी में शाम के समय सैलानियों को गोवा जैसा अहसास होगा। गंगा किनारे लगे बेंच पर सुबह से सनबाथ की सुविधा के साथ ही शाम को डूबते सूरज को निहारने की भी व्यवस्था की गई है।

  • नो पॉल्यूशन जोन अंतर्गत बन रही टेंट सिटी

टेंट सिटी को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए नो पॉल्यूशन जोन की नीति का पालन करते हुए बायो टायलेट लगाए जा रहे हैं। टेंट सिटी को नो प्लास्टिक जोन घोषित करते हुए इको फ्रेंडली तैयार किया जा रहा है। किसी प्रकार का कूड़ा बालू क्षेत्र में डंप नहीं होगा। पर्यटकों को पर्यावरण संरक्षण और क्षेत्र में पर्यावरण को ध्यान रखने की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए जगह जगह शाइनेज लगाने के अलावा जागरूकता मित्र भी तैनात किए जाएंगे।

  • गंगा रेती पर मेटल के बेस पर बन रहा सड़क मार्ग

नमो घाट अथवा अन्य घाट से टेंट सिटी जाने वाले पर्यटकों के लिए गंगा रेती पर मेटल के बेस पर सड़क मार्ग बनाया गया है। यहां से पर्यटकों की आवाजाही के लिए सजे धजे गोल्फ कार्ट तैयार रहेंगे। पर्यटकों के गंगा रेती पर बनाए बेस पर पहुंचते ही इलेक्ट्रिक वाहन उनकी स्वागत में लगा दिए जाएंगे। पर्यटकों को लेकर इलेक्ट्रिक वाहन उनके गंतव्य तक पहुंचाएंगे

  • टेंट सिटी प्रोजेक्ट पर काशी के संत- महंत आमने सामने

टेंट सिटी तैयार होने से पहले ही काशी के संत- महंत इसको लेकर आमने सामने दिख रहे हैं. वाराणसी के संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने ट्वीट के जरिए गंगा पार रेत पर गंदगी को लेकर सवाल उठाए हैं.दरअसल, प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने 28 सेकेंड के एक वीडियो को ट्वीट कर लिखा, ‘ 500 से ज्यादा लेबर काशी के गंगा रेत पर टेंट सिटी बनाने में लगी है और पूरे रेत को अपना शौचालय बना दिया दिया है. इस समय रेती मल से पटा हुआ है और गंगा के इस किनारे से दुर्गंध आ रही है.’

संकट मोचन मंदिर के महंत के इसी ट्वीट के बाद अब दूसरे संत इसके बचाव में उतर आए हैं. सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास ने कहा,’सवाल उठाने वाले संत-महंतों को ये पता होगा कि टेंट सिटी कोई नया नहीं बल्कि कई वर्षों से कुम्भ के दौरान प्रयागराज में संगम तट पर लगाया जाता है और वहां भी लाखों लोग आते हैं. टेंट सिटी में संत महंत रहते हैं और कल्पवास करते हैं. वैसे ही अध्यात्म को यहां टूरिज्म से जोड़ा जा रहा है. इस टेंट सिटी में रहने वाले लोग यहां गंगा स्नान कर बाबा विश्वनाथ का दर्शन करेंगे और काशी के आध्यात्म में रंग जाएंगे.’