Saturday, May 10, 2025
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Health Insurance लेना क्यों है जरूरी? खरीदने से पहले इन खास बातों का रखें ध्यान..

  • खरीदने से पहले बीमाकर्ता का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो देखें
  • बीमाधारक को धारा 80डी के तहत कर कटौती में छूट..
  • हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले जाने महत्वपूर्ण बिंदु

ज्यादातर लोगों ने स्वास्थ्य ही धन है वाली कहावत तो सुनी ही होगी और बीते कुछ सालों में हम सब इस कहावत के सार को समझ चुके है आज सभी के पास हेल्थ इंश्यारस पॉलिसी का होना जरूरी है,ताकि हम स्वास्थ्य से जुड़ी एमरजेंसी की स्थिति में अच्छी तरह से सुरक्षित रहे. हालांकि, हेल्थ कवरखरीदने से पहले आपको हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्दों की समझ होनी चाहिए.Health Insurance को लेकर लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है और कोरोना (Corona) के दौर को देखने के बाद इसका महत्व बढ़ गया है. इसके जरिए आपकी बीमारी के इलाज का खर्च कम हो जाता है और इसे खरीदने वाले को इनकम टैक्स (income tax) लाभ भी मिलता है।हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले इस खबर में बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन हेड भास्कर नेरुरकर (Bajaj Allianze General Insurance Health Administration Head Bhaskar Nerurkar) ने महत्वपूर्ण शब्दों व बिंदुओं के बारे में विस्तार से बताया है,जिसे आपको जानना जरूरी है..

  • हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?

स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) आज के समय में एक बड़ी जरूरत बन गया है. दरअसल, यह बीमा का वह प्रकार है, जिसमें आप अपने मेडिकल और सर्जिकल खर्च के लिए क्लेम कर सकते हैं. साफ शब्दों में कहें तो बीमार होने के दौरान अस्पताल में भर्ती होने और दवाइयों पर होने वाला खर्च आपकी जेब से नहीं होगा. यह पूरा खर्चा आपकी पॉलिसी के हिसाब से इंश्योरेंस कंपनी वहन करेगी. ये दरअसल, इंश्योरेंस कंपनी की ओर से एक गारंटी होती है उस भारी-भरकम खर्च को उठाने की जो पॉलिसीधारक के बीमार होने या फिर किसी दुर्घटना के शिकार होने के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर होता है

  • हेल्थ बीमा खरीदते समय फ्री लुक पीरियड (Free Look Period) के विषय मे ले जानकारी

अगर अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के बाद आपको पता चलता है कि पॉलिसी के नियम और शर्तें आपकी जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं या आप कदर से खुश नहीं है तो ऐसे में आप क्या करेंगे यह मानना गलत होगी कि आप फंस गए हैं, क्योंकि सौभागा से आपके पास पॉलिसी को कैंसल करने और अपने प्रीमियम को वापस पाने का विकल्प है. इसे फ्री तुक पीरियड कहा जाता है. अधिकांश इश्पोरर पॉलिसी डॉक्यूमेंट मिलने की तिथि से 15 या 30 दिनों तक फ्री लुक पीरियड देते हैं, जिस दौरान आपको अपनी नई इंश्योरेंस पॉलिसी को कैंसल या समाप्त करने का विकल्प मिलता और आप बकाया रिफंड पा सकते हैं पॉलिसी खरीदने के बाद आपको विस्तार से पॉलिसी डॉक्यूमेंट देखने की सलाह दी जाती है ताकि आप पॉलिसी कवर के बारे में अच्छी तरह से जान सकें और अगर आप शर्तों से संतुष्ट नहीं है, तो आप फ्री लुक पीरियड का लाभ उठा सकते हैं.

  • कवरसमय सीमा में ग्रेस पीरियड है महत्वपूर्ण

अगर आपने समय पर अपनी पॉलिसी को रिन्यू नहीं किया है, तो अब क्या होगा? क्या आप कवर की अवधि के दौरान अर्जित सभी लाभों को खो देंगे? क्या आपको कोई दूसरी पॉलिसी खरीदनी होगी?अगर आपको ये सवाल उस रहे हैं, तो चिंता मत कीजिए आपकी चिताओं के लिए एक समाधान है.ज्यादातर इंश्योरर 15 दिनों का ग्रेस पीरियड देते हैं, जिस दौरान आप देय तिथि मिस करने के बाद भीअपनी पॉलिसी को रिन्यू कर सकते हैं. हालांकि आपको हमेशा समय पर पॉलिसी रिन्यू करनी चाहिए,लेकिन अगर आपने रिन्यूअल मिस कर दिया है, तो आप ग्रेस पीरियड का लाभ उठा सकते हैं, बशर्तेकि ब्रेक इन पीरियड के दौरान कोई क्लेम न किया गया हो.

  • क्लेम करते समय डिडक्टिबल राशि के बारे में जानना जरूरी

डिडक्टिबल क्लेम में शामिल वह राशि है, जिसका भुगतान आपको स्वयं करना होगा और इसका भुगतान करने के बाद ही इंश्योरर नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति प्रदान करेगा, आपको एक तय सीमा तक ही भुगतान करना होता है और डिडक्टिबल की सीमा के बाद इंश्योरेंस कंपनी क्लेम का भुगतान करती है, मान लीजिए कि आपकी पॉलिसी में डिडक्टिबल रु. 2,000 है और आपकी स्वीकार्य क्लेम राशि रु. 15,000 है, तो इसका मतलब है कि आपका इंश्योरर आपको नुकसान के लिए रु. 13,000 का भुगतान करेगा, लेकिन पहले आपको रु. 2,000 का शुरुआती खर्च स्वयं उठाना होगा. डिडक्टिबल की राशि इंश्योरेंस प्रीमियम के उल्टे अनुपात में होती है, इसका मतलब है कि जितना अधिक डिब होगा, प्रीमियम उतना ही कम होगा. हालांकि, डिक्टिबल से प्रीमियम को कम करने में मदद मिलती है, लेकिन आपको समझना चाहिए कि इसकी वजह से बाद में क्लैम की राशि का एक बड़ा हिस्सा आपको चुकाना पड़ सकता है और इसलिए आपको सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए.

  • को पे (Co Pay-सह भुगतान की शर्त) भी जानें..

जब कोई पॉलिसीधारक, मेडिकल खर्च के एक निश्चित प्रतिशत का भुगतान करने के लिए सहमत होता है, तो इसे को पे या सह-भुगतान कहा जाता है. अगर आपकी पॉलिसी में को पे का खंड है, तो इसका मतलब है कि आप खर्च का कुछ हिस्सा, अपनी जेब से भरने के लिए सहमत हुए है. आमतौर पर इसका उल्लेख प्रतिशत में किया जाता है. उदाहरण के लिए अगर आपकी पॉलिसी में 10% को पे की शर्त है, तो इसका अर्थ है कि आप पॉलिसी के तहत स्वीकार्य खर्चों में से 10% का भुगतान स्वयं करेंगे और शेष 90% का भुगतान इंश्योरेंस कंपनी करेगी इस उदाहरण को आगे बढ़ाते हुए मान लीजिए कि आपने कोई इलाज करवाया है और कुल खर्च रु. 30,000 आया है तो इसका मतलब है कि आप रु 3,000 का भुगतान स्वयं करेंगे और आपका इंश्योर इलाज के लिए रु. 27,000 का भुगतान करेगा, डिडक्टिबल की तरह ही को- पे से भी प्रीमियम लागत को कम करने में मदद मिलती है. लेकिन, को पे और डिडक्टिबल के बीच एक बहुत बड़ा अंतर है. जब डिडक्टिबल की सीमा पार हो जाती है, तो इश्योरर बाकी बची हुई पूरी राशि का भुगतान करता है, जबकि को पे की राशि पहले से निर्धारित होती है. जिसका भुगतान इश्योर्ड व्यक्ति को पालिसी अवधि के दौरान प्रत्येक क्लेम के लिए करना पड़ता है,डिडक्टिबल या को- को कुछ देशों में सेल्फ इंश्योरेंस के रूप में जाना जाता है.

  • हेल्थ इंश्योरेंस में संचयी बोनस है महत्वपूर्ण बिंदु

संचयी बोनस को सीबी के रूप में भी जाना जाता है यह एक रिवॉर्ड है जिसे आपके इश्योरर आपको वर्ष में कोई क्लेम न करने के लिए देते है, यह बोनस प्रत्येक क्लेम मुक्त वर्ष के लिए एक तय सीमा तक जमा होता जाता है. इश्योरर कोई अतिरिक्त प्रीमियम लिए बिना आपको बढ़े हुए सम इश्पोर्ट के साथ एक विस्तृत कवर प्रदान करता है, उदाहरण के लिए, अगर इंश्योरर पहले क्लैम मुक्त वर्ष के लिए 5 संचयी बोनस प्रदान करता है, तो रु. 20,00,000 का सम इंश्योर्ड बढ़ कर रु. 21,00,000 हो जाएगा, और दूसरे क्लेम मुक्त वर्ष के लिए यह सम इंश्योर्ड रु. 22,00,000 हो जाएगा और आगे भी ऐसे ही बढ़ता रहेगा इसी प्रकार, अगर आप क्लेम करते हैं, तो आपका बोनस उसी दर पर घटा दिया जाएगा जिस दर पर यह जमा हो रहा था. सम इंश्योर्ड में वार्षिक वृद्धि के लिए कोई निश्चित स्लैब नहीं है, और यह इश्वोरर और प्रोडक्ट के अनुसार अलग अलग होता है. सीबी की शर्तों का उल्लेख पॉलिसी की विशेषताओं में किया जाता है और आपको अपने लिए उपलब्ध लाभों को समझने के लिए उन्हें ध्यान से पढ़ना चाहिए सीबी आपको मेडिकल महंगाई से बचाता है और आपको हर साल सम इम्पोर्ट बढ़ाना नहीं पड़ता है.अब जब आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े इन शब्दों को जान चुके है, तो हमें पूरा विश्वास है कि अपनी पॉलिसी खरीदते समय आप एक बेहतर निर्णय ले पाएंगे.

  • इस तरह काम करता है स्वास्थ्य बीमा

आम तौर पर Health Insurance प्रदान करने वाली बीमा कंपनियों का प्रमुख अस्पतालों के साथ करार होता है, ताकि बीमाधारक को कैशलेस उपचार प्रदान किया जा सके. हालांकि, अगर उस बीमा कंपनी का अस्पताल के साथ कोई समझौता नहीं होता है, तो वह पॉलिसीधारक को उसके द्वारा इलाज पर किए गए खर्च को बिलों के आधार पर Reimburse करती है. सरकार भी आयकर (income tax) कटौती की सुविधा देते हुए स्वास्थ्य बीमा को लगातार बढ़ावा दे रही है.